देश के स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन (Harsh Vardhan) ने तीन माह पहले कोरोना को लेकर उड़ रही अफवाहों को लेकर कहा था कि जब वैक्सीन बनेगी तो पहला टीका वह खुद लेंगे। इस हाल में देश में कोरोना टीकाकरण शुरु होने के बाद लोग मांग कर रहे थे कि देश के नेता अब कोरोना का टीका क्यों नहीं लगवा रहे हैं। इसी का जवाब में अब सरकार ने ऐलान किया है कि दूसरे फेज में कोरोना का टीका देश के प्रधानमंत्री से लेकर सभी मुख्यमंत्रियों तक को दिया जाएगा।
बता दें बताया जा रहा है कोरोना वैक्सीनेशन का पहला चरण अप्रैल को खत्म होने जा रहा है। जिसके बाद कोरोना का दूसरा चरण शुरु होगा। इस चरण में प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्रियों से लेकर 75 फीसद सांसदों को वैक्सीनेशन का डोज दिया जाएगा। कोरोना के इस चरण में सरकार कोशिश कर रही है कि सभी सांसदों को टीका लगाने की कोशिश कर रही है। सरकार पहले उन सांसदों को टीका लगाएगी जिनकी उम्र 50 वर्ष से ऊपर है। बताया जा रहा है कि मोदी सरकार के 95 फीसद सांसद कोरोना टीकाकरण में शामिल हो सकते हैं।
केंद्र सरकार ने प्लान बनाया है कि सबसे पहले उन नेताओं को टीका दिया जाएगा। जिनकी उम्र 80 वर्ष से अधिक है। ऐसे नेताओं में सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और एचडी देवगौड़ा और कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदूरप्पा शामिल हैं। कोरोना के टीके करण के लिए बनी टीम का कहना है कि अगर देश में जल्दी सभी लोगों का टीकाकरण करना है तो इसमें राजनेताओं की मदद करनी होगी। राजनेताओं को आगे आकर कोरोना टीका लगवाना होगा ताकि लोगों के मन में फैल रही भ्रांतियों को दूर किया जा सके।
सरकार दूसरे चरण में सभी बड़े नेता-राजनेताओं का टीकाकरण करना चाहती है ताकि जन प्रितिनिधियों के टीका लगने के बाद लोगों के अंदर में मोटिवेशन बड़े और वह भी अपने नेता को देखकर खुद टीका लगवाने के लिए आगे आ सके।
सरकार सभी नेताओं, मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक को वैक्सीनेट करने की कोशिश करेगी। उसके बाद सभी सांसदों और विधायकों को भी कोरोना का टीका लगाया जाएगा।