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भारत रत्न व दसवीं प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेई का आज जन्मदिन

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री व भारत रत्न से सम्मानित स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेई का आज जन्मदिन है !पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के बारे में देश जितना जानता है वह एक सुलझे हुए नायक की तरह देश के हर परिस्थितियों में एक सही निर्णायक भूमिका अदा करने की महारत थी ! जहां विपक्ष में रहने के बाद भी सत्ताधारी दल अटल बिहारी बाजपेई के विचारों उनकी प्रतिबद्धता और उनके निर्णय करने की क्षमता का लोहा मानते ,निर्णय क्षमता और अपने अटल निर्णयों से अक्सर देश को चौकीतें रहे है , एक ऊर्जावान बेहतरीन व्यक्तित्व के धनी श्री अटल बिहारी वाजपेई के जन्मदिन पर सुशासन दिवस मनाया जाने लगा , Atal Bihari Vajpayee 94th Birth Anniversary : अटल बिहारी वाजपेयी का जन्मदिनगुड गवर्नेंस पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई को समर्पित कर दिया गया ! देश में पारदर्शिता और जवाब देह प्रशासन का नया नमूना वह देश के सामने अक्सर पेश करते रहते थे ! आलोचनाओं के दौर में भी अपने दृढ़ निश्चय से देश को चौंकाने का साहस सिर्फ अटल बिहारी वाजपेई के अंदर था ! हर विपरीत परिस्थितियों में अपने व्यक्तित्व और कविताओं के माध्यम से जो उन्होंने देश में संदेश देने का कार्य किया और विपक्ष पर आलोचनाओं का कड़ा प्रहार जो उन्होंने किया अक्सर अलौकिक बना रहा ! यह दिन श्री वाजपेयी के सम्मान में साल 2014 में सरकार में जवाबदेही के लोगों के बीच जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए स्थापित किया गया था.जन्मदिन विशेष - अटल जी उर्फ़ अटल बिहारी वाजपेयी को जानिये उनकी दुर्लभ  तस्वीरों के जरिये - वाह ग़ज़ब इस सिद्धांत को ध्यान में रखते हुए, सुशासन दिवस को सरकार के लिए कार्य दिवस घोषित किया गया है. अटल बिहारी वाजपेयी एक भारतीय राजनीतिज्ञ और असाधारण लेखक थे, जिन्होंने भारत के 10वें प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया. एक बार अटल बिहारी बाजपेयी ने कहा, “एक दिन आप एक पूर्व प्रधान मंत्री बन सकते हैं, लेकिन आप कभी पूर्व-कवि नहीं बन सकेंगे”.!

अटल जी के व्यक्‍तित्व को परिभाषित करती ये कविता

मुझे इतनी ऊंचाई कभी मत देना,
न वसंत हो, न पतझड़,
हो सिर्फ ऊँचाई का अंधड़,
मात्र अकेलेपन का सन्नाटा
मेरे प्रभु!
मुझे इतनी ऊंचाई कभी मत देना,
ग़ैरों को गले न लगा सकूं,
इतनी रुखाई कभी मत देना

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23 दिसंबर 2014 को श्री वाजपेयी और पंडित मदन मोहन मालवीय (मरणोपरांत) को भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, भारत रत्न से सम्मानित किए जाने की घोषणा की थी. इस घोषणा के बाद, मोदी सरकार ने घोषणा की कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी जी की जयंती को भारत में प्रतिवर्ष सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाएगा. हालाँकि, इस निर्णय की मुख्य विपक्षी दल, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने आलोचना की थी, उसी दिन क्रिसमस के साथ-साथ इस तिथि को सरकार के कार्य दिवस के रूप में घोषित करने के लिए सुशासन दिवस की भी स्थापना की गई थी.

देश में पारदर्शी और जवाबदेह प्रशासन प्रदान करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता से लोगों को अवगत कराना.

-सुशासन दिवस लोगों के कल्याण और बेहतरी को बढ़ाने के लिए मनाया जाता है.

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-यह सरकारी कामकाज को मानकीकृत करने और इसे देश के नागरिकों के लिए अत्यधिक प्रभावी और जवाबदेह शासन बनाने के लिए मनाया जाता है.

-भारत में सुशासन के मिशन को पूरा करने के लिए अच्छी और प्रभावी नीतियों को लागू करना.

-सुशासन के माध्यम से देश में विकास और विकास को बढ़ाना.

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-सुशासन प्रक्रिया में उन्हें सक्रिय भागीदार बनाने के लिए नागरिकों को सरकार के करीब लाना.

सुशासन दिवस पर याद किए जाते हैं पूर्व पीएम

गुड गवर्नेंस डे के अवसर पर लोग अटल विहारी वाजपेयी को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं. इस दिन उन्हें याद कर उनके द्वारा किए गए कामों के बारे में बात की जाती है. अलग-अलग जगहों पर सेमिनार का आयोजन भी होता है. सेमिनार के जरिए लोग उनके द्वारा किए गए कामों के बारे में विस्तार से जानते हैं. बता दें कि साल 2018 में पूर्व पीएम का निधन हो गया था.

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