गिरती अर्थव्यवस्था और बढ़ती बेरोजगारी के दौर में जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 6 महीने में 5 लाख नौकरी देने की जैसे ही घोषणा के ऊपर विराम दिया लोगों की आंखों में चमक सी आ गई! दरअसल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने अधिकारियों को प्रदेश के सभी खाली पदों को 3 महीने के अंदर में भरने की प्रक्रिया का निर्देश दिया है उन्होंने अपने तमाम सचिवों को सारे विभागों के खाली पदों की सूची 1 हफ्ते के अंदर मांगा है जहां 1 हफ्ते के अंदर तमाम विभागों के रिक्त पदों की सूची मिलने के ठीक बाद उन पदों पर भर्ती की प्रक्रिया का निर्देश वहां के सचिवों के आकलन के बाद शुरू की जाएगी वैसे सरकारी अनुमान के मुताबिक अभी तक यूपी में कुल 5लाख पद रिक्त हैं जहां तुरंत भर्ती की जरूरत है
प्रदेश सरकार का दावा है कि अब तक 3 लाख से अधिक नौकरियां दी गई हैं. राज्य सरकार के प्रवक्ता ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करके बताया कि वर्तमान सरकार की ओर से साल 2017 से अब तक रिक्त पदों के सापेक्ष की गई भर्ती में पुलिस विभाग में 1,37,253, बेसिक शिक्षा विभाग में 54,706 भर्तियां की जा चुकी हैं. चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में समूह ‘ख’, ‘ग’ एवं ‘घ’ की 8,556 और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत 28,622 भर्तियां संपन्न हुई हैं.
यूपी लोक सेवा आयोग के माध्यम से 26103 और यूपी अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से 16,708 भर्तियां की गई हैं. माध्यमिक शिक्षा विभाग (राजकीय एवं सहायता प्राप्त विद्यालय) के अंतर्गत 14,000 और उच्च शिक्षा विभाग (विश्वविद्यालय/महाविद्यालय) में 4,615 भर्तियां की जा चुकी हैं. चिकित्सा शिक्षा विभाग में 1,112, नगर विकास विभाग में 700, सहकारिता विभाग में 726, वित्त विभाग में 614, प्राविधिक शिक्षा विभाग/व्यावसायिक शिक्षा विभाग में 365 और उत्तर प्रदेश पॉवर कारपोरेशन (ऊर्जा विभाग) में 6,446 भर्तियां की गई हैं. प्रवक्ता ने बताया कि बेसिक शिक्षा विभाग में 69,000, पुलिस विभाग में 16,629 भर्तियां व उत्तर प्रदेश पॉवर कारपोरेशन (ऊर्जा विभाग) में 853 भर्तियां प्रक्रियाधीन हैं. कुल 86,482 भर्तियां प्रक्रियाधीन हैं.
ऐसा कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री योगी की पहल रंग लाई तो छह महीने के भीतर प्रदेश के पांच लाख से अधिक बेरोजगारों को सरकारी नौकरी मिल सकती है. सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक, प्रदेश में राज्य कर्मचारियों के 12.64 लाख से अधिक पदों में करीब 3.25 लाख पद खाली हैं. शिक्षकों के रिक्त पदों को भी शामिल कर लें तो यह आंकड़ा 5 लाख पार कर जाता है.
इनमें से कई विभागों के वे पद शामिल नहीं हैं जिन पर भर्ती प्रक्रिया चल रही है. एक अप्रैल 2019 की स्थिति के अनुसार, सरकारी आंकड़ों की बात करें तो शासन के विभिन्न विभागों में केवल राज्य कर्मचारियों के ही करीब 3.25 लाख पद खाली हैं. इसके अलावा बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों के 69,000 पदों पर भर्ती प्रक्रिया चल रही है. सहायता प्राप्त परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों के 4,500 तथा लिपिक संवर्ग के 1,500 पद खाली बताए जा रहे हैं.
इसी तरह माध्यमिक शिक्षा में सहायता प्राप्त विद्यालयों में शिक्षकों के करीब 32,000 व राजकीय विद्यालयों में करीब 6,000 पद खाली हैं. राजकीय विद्यालयों के 10,768 शिक्षकों के रिक्त पदों पर चल रही भर्ती इसमें शामिल नहीं है. उच्च शिक्षा विभाग में सहायता प्राप्त व राजकीय कॉलेजों को मिलाकर करीब 8,000 पद रिक्त बताए जा रहे हैं.
ऐसे में स्कूलों-कॉलेजों में रिक्त करीब 1.70 लाख पदों को शामिल कर लिया जाए तो पांच लाख से अधिक पद खाली हो जाएंगे. सचिवालय प्रशासन विभाग के एक अधिकारी बताते हैं, “मुख्यमंत्री ने मौजूदा स्थिति में रिक्त पदों की जानकारी मांगी है. इसके अलावा सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं व सहायता प्राप्त संस्थाओं में भी बड़ी संख्या में पद रिक्त हैं. ऐसे में रिक्त पदों का आंकड़ा और भी अधिक होने का अनुमान लगाया जा रहा है.
सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, रिक्त पदों को भरने पर हर तरह की योग्यता वाले युवाओं को मौका मिल सकता है. इनमें पीसीएस अधिकारी से लेकर जिला स्तरीय विभिन्न संवर्गों के अधिकारी के साथ ही लेखपाल, राजस्व निरीक्षक, ग्राम्य विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत अधिकारी, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, नर्स, शिक्षक, इंजीनियर, मैनेजर, जैसे पद भी शामिल हैं.