आगामी पश्चिम बंगाल चुनाव मे लेफ्ट और कांग्रेस साथ मिलकर चुनावी ताल ठोकने वाले हैं ! क्योंकि अस्तित्व खोती लेफ्ट और कांग्रेस पूरे दमखम के साथ वहां तृणमूल कांग्रेस और भाजपा को पटखनी देने के मूड में है ! लेकिन सत्ताधारी दल टीएमसी अपने किले को मजबूत करते हुए पहले से सचेत है , अगर बंगाल चुनाव का सियासी गणित देखे तो इस बार लेफ्ट और कांग्रेस के गठबंधन का कमाल बंगाल के बहुत सारे सीटों पर हो सकता है, लेकिन कहीं भी ऐसा नहीं होगा जहां लेफ्ट और कांग्रेस भारी अंतर से सीट निकाल पाए, बंगाल में अभी तृणमूल कांग्रेस का दबदबा है जहां लेफ्ट और कांग्रेस की साझेदारी तृणमूल के घर में सेंध नहीं मार सकती ! वामपंथी दलों ने पहले ही कांग्रेस के साथ गठबंधन की हरी झंडी दे दी थी और अब कांग्रेस ने भी साथ चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. कांग्रेस के पश्चिम बंगाल प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी के मुताबिक कांग्रेस और लेफ्ट के साथ चुनाव लड़ने पर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने मुहर लगा दी है!
Today the Congress High command has formally approved the electoral alliance with the #Left parties in the impending election of West Bengal.@INCIndia@INCWestBengal
— Adhir Chowdhury (@adhirrcinc) December 24, 2020
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सांसद और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने ट्वीट कर कहा है कि कांग्रेस पार्टी ने पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव के लिए लेफ्ट के साथ गठबंधन कर लिया है. लेफ्ट के साथ गठबंधन के लिए पार्टी से मिली हरी झंडी मिल गई है. ऐसे में एक बार फिर 2016 के विधानसभा चुनाव की तरह कांग्रेस और लेफ्ट मिलकर बंगाल में बीजेपी और ममता बनर्जी से दो-दो हाथ करेंगे.
पश्चिम बंगाल में कुल 294 विधानसभा सीटें हैं. 2016 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और लेफ्ट ने एक साथ चुनाव लड़ा था. तब कांग्रेस विधानसभा में दूसरी बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी और पार्टी ने 44 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि सीपीएम को 26 और बाकी लेफ्ट के घटक दलों को कुछ सीटें मिली थी. बीजेपी मात्र 3 सीट जीत सकी थी!
हालांकि मौजूदा विधायकों के पाला बदलने की वजह से कांग्रेस के अभी 23 विधायक ही हैं जबकि बीजेपी के पास 16 विधायक हैं. ऐसे में सवाल है बंगाल में बीजेपी के ज़बरदस्त उभार के बीच क्या कांग्रेस दूसरी बड़ी पार्टी रह पाएगी?
दरअसल, इस बार बंगाल का विधानसभा चुनाव काफी महत्वपूर्ण होता जा रहा है. टीएमसी के करीब एक दर्जन से ज्यादा विधायक ममता बनर्जी का साथ छोड़कर बीजेपी का दामन थाम चुके हैं. इतना ही नहीं लेफ्ट के भी दो विधायकों ने हाल में बीजेपी की सदस्यता ली है. ऐसे में देखना होगा कि लेफ्ट और कांग्रेस मिलकर क्या सियासी गुल खिलाते हैं.!