आज किसान आंदोलन का 28वां दिन है, जहां अब तक किसानों और सरकार में बात बनती नजर नहीं आई , वहीं स्वाभिमान की बात सरकार और किसान दोनों के लिए हो गई है ! जहां सरकार अपनी बात से पीछे हटने को तैयार नहीं है, वही किसान अपने इरादे पर अडिग हैं! किसान तीनों कृषि कानून को रद्द करने की मांग पर डटे हैं ,तो वहीं सरकार भी इस बात पर अडिग है कि कानून रद्द नहीं हो लेकिन संशोधन पर विचार किया जा सकता है बार-बार बातचीत के प्रस्ताव सरकार के द्वारा भेजा जा रहा है !इस मौके पर किसान संगठनों ने प्रदर्शऩ तेज करने का ऐलान किया है. किसान संगठनों ने अपील की है कि आज के लिए देशवासी उनके समर्थन में एक वक्त का भोजन नहीं करें. इस बीच किसान दिल्ली की सीमा पर जमे किसान संगठन आज बैठक करने वाले हैं ताकि आगे की रणनीति पर एक राय बनाई जा सके और सरकार के बातचीत के ताजा न्यौते पर फैसला लिया जा सके. किसानों ने अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सरकार की घेरेबंदी की तैयारी भी शुरू कर दी है.
दिल्ली पुलिस का कहना है कि सीमा पर लगातार प्रदर्शनकारी किसानों की संख्या बढ़ती जा रही है, लेकिन हालात तनाव में हैं. वही दूसरी ओर इस गतिरोध को दूर करने के लिए सरकार की कोशिशें जारी हैं. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि जल्द ही इस संकट का समाधान मिलने की उम्मीद है. मंगलवार को सिंघु बॉर्डर पर जमे किसानों ने पीएम नरेंद्र मोदी के नाम खून से चिट्ठी लिखकर कानून वापस लेने की मांग की. उधर, गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने मंगलवार को फिर से जाम लगा दिया. देर शाम पुलिस-प्रशासन से बातचीत के बाद एक सड़क खोली गई.