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बड़े सियासी संकेत नीतीश से मिले उपेंद्र कुशवाहा, साथ काम करने की कवायद हो सकती है तेज

विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त झेलने के बाद उपेंद्र कुशवाहा के सुर अचानक नीतीश कुमार की ओर नरम हो गए हैं सारे कयासों के बीच में एक सबसे बड़ी कयासों तो आज हुई जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने उपेंद्र कुशवाहा उनके घर पहुंच गए !चर्चाओं का बाजार इस बात को लेकर गर्म है कि अब क्या होगा क्योंकि विधानसभा चुनाव में अलग-अलग चुनाव लड़कर नीतीश कुमार को उपेंद्र कुशवाहा ने कमजोर किया था ,कोई शक नहीं कि एक कुशवाहा वोट बैंक में नीतीश कुमार के परंपरागत वोट पर कुशवाहा ने डाका डाला था , पर फिर से कुशवाहा और नितीश कुमार साथ हो सकते हैं! शायद उपेंद्र कुशवाहा नीतीश कुमार के साथ आने से मजबूती देख रहे हो !बताया जा रहा है कि बीते 2 दिसंबर को ये मुलाकात एक अणे मार्ग स्थित सीएम हाऊस में हुई है. यह जानकारी भी सामने आ रही है कि मुलाक़ात के पहले नीतीश कुमार ने फ़ोन कर समर्थन में बोलने के लिए धन्यवाद दिया था.

बता दें कि हाल में ही जब 17वीं बिहार विधानसभा में पहले सत्र के अंतिम दिन (27 नवंबर) नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव  द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व एनडीए के विधायकों पर की गई अमर्यादित टिप्पणियों के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी आक्रोशित हो उठे थे और पहली बार सदन में उन्हें काफी तल्ख अंदाज में देखा गया. उन्होंने तेजस्वी यादव के आचरण को अशोभनीय कहा था. इसी बात को लेकर उपेंद्र कुशवाहा ने तेजस्वी के व्यवहार की आलोचना करते हुए सीएम नीतीश कुमार के साथ खड़े रहने का ऐलान किया था.पिछड़ों में पैठ मजबूत करने में जुटा जदयू, नीतीश कुमार से मिले उपेंद्र  कुशवाहा - YouTube

इसी घटनाक्रम के बाद सीएम नीतीश ने उपेंद्र कुशवाहा से मुलाक़ात का आग्रह किया जिसके बाद उन्होंने सीएम नीतीश से उनके आवास पर जाकर मुलाकात की. राजनीतिक जानकार बता रहे हैं कि    कुशवाहा और नीतीश कुमार की मुलाकात का परिणाम भी सामने आएगा और बिहार में जल्द ही नया राजनीतिक समीकरण भी देखने को मिल सकता है. कई राजनीतिक जानकार इसे विधान परिषद की मनोनयन कोटे की दर्जन भर सीटों को भरे जाने को लेकर भी देख रहे हैं. कहा जा रहा है कि दरअसल हार की समीक्षा कर रहा जदयू कुछ दिग्गज नेताओं को पार्टी में लाकर पिछड़े और मुस्लिम वोटरों के बीच पैठ जमाने की कोशिश में है. कहा जा रहा है कि सीएम नीतीश, कुशवाहा को साथ लाकर फिर से लव-कुश समीकरण (कुर्मी-कुशवाहा जातियों को लव-कुश कहा जाता है) को ताकत देना चाहते हैं.Upendra Kushwaha may join jdu and rlsp will be merged with jdu |बिहार में  नए सियासी समीकरण! RLSP का JDU में विलय कर सकते हैं उपेंद्र कुशवाहा| Hindi  News, बिहार एवं झारखंड
दरअसल राज्य में लोकसभा, विधानसभा व राज्यसभा की सभी सीटें भर गयी हैं. सिर्फ विधान परिषद की 18 सीटें खाली हैं, जिनमें 12 मनोनयन कोटे की और दो विधानसभा कोटे की सीटें हैं. चार स्थानीय प्राधिकार कोटे की सीटें हैं, जिनके लिए अगले साल चुनाव होगा. जदयू ने इस चुनाव में 15 कुशवाहा उम्मीदवार उतारे थे, जिनमें पांच की जीत हुई.!इसी परिप्रेक्ष्य में मुख्यमंत्री से उपेंद्र कुशवाहा की मुलाकात को जोड़ कर देखा जा रहा है, जबकि उपेंद्र कुशवाहा फिलहाल किसी नये राजनीतिक समीकरण बनने की संभावना से इन्कार कर रहे हैं. इसके बावजूद चुनाव के दौरान बसपा और एआइएमआइएम के साथ गठबंधन कर सुर्खियों में आये रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा एक बार फिर चर्चा में हैं.

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