बीजेपी ने ऐसे नौ नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की है, जो टिकट नहीं मिलने पर पार्टी से बगावत कर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उम्मीदवारों के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं.
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बिहार विधानसभा चुनाव का बिगुल बजने और टिकटों का ऐलान होने के साथ ही नेताओं के दल-बदल, बगावत करने का सिलसिला भी तेज हो गया है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के भी कई नेताओं ने बगावत कर अन्य दलों के टिकट पर चुनाव मैदान में ताल ठोक दी है. ऐसे में मुश्किलें उत्पन्न कर रहे बागी नेताओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई का सिलसिला भी शुरू हो गया है.
बीजेपी ने ऐसे नौ नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की है, जो टिकट नहीं मिलने पर पार्टी से बगावत कर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के उम्मीदवारों के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. बीजेपी ने इन नौ नेताओं को 6 साल के लिए पार्टी से निकाल दिया है. जिन नेताओं पर बागी तेवर अख्तियार करने के लिए गाज गिरी है, उनमें रोहतास के राजेंद्र सिंह और रामेश्वर चौरसिया, पटना ग्रामीण की ऊषा विद्यार्थी और अनिल कुमार, झाझा के रविंद्र यादव, भोजपुर की श्वेता सिंह, जहानाबाद की इंदु कश्यप शामिल हैं.
जमुई के अजय प्रताप और मृणाल शेखर को भी बीजेपी ने 6 साल के लिए बाहर का रास्ता दिखा दिया है. बीजेपी की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में इन नेताओं को संबोधित करते हुए कहा गया है कि आप लोग एनडीए प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. इससे एनडीए के साथ-साथ पार्टी की छवि को भी नुकसान हो रहा है. यह पार्टी के अनुशासन के खिलाफ है. विज्ञप्ति में कहा गया कि आप लोगों को पार्टी विरोधी इस कार्य के कारण 6 साल के लिए निष्कासित किया जाता है.
गौरतलब है कि रामेश्वर चौरसिया पिछले दिनों लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) में शामिल हो गए थे. एलजेपी, एनडीए के बागी नेताओं का ठिकाना बनकर उभरी है. बता दें कि बिहार विधानसभा की 243 सीटों के लिए तीन चरणों में मतदान होना है. पहले चरण में 28 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे. वहीं, दूसरे और तीसरे चरण में 3 और 7 नवंबर को वोटिंग होगी. परिणाम भी 10 नवंबर को ही घोषित कर दिए जाएंगे.