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क्या उम्र का घोटाला भी हो सकता है भला?
- जदयू के रामानंद मंडल 2015 में 47 साल के थे, अब उनकी उम्र 55 साल हो गई है
- राजद के सरोज यादव ने 2015 में अपनी उम्र 33 साल बताई थी, इस बार 30 साल
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लोग कहते हैं, बिहार में जो हो जाए, वो कम है। फिर चाहे वो पैसों का घोटाला हो या जमीन का। अपराधों का घोटाला हो या उम्र का। अब आप कहेंगे कि पैसों का, जमीन का, अपराध का घोटाला तो सुना है, लेकिन ये उम्र का घोटाला क्या बला है? ये तो पहली बार सुना है और क्या उम्र का घोटाला भी हो सकता है भला?
तो हम कहेंगे कि हां, उम्र का घोटाला हुआ है। और यह पहली बार भी नहीं हुआ। अक्सर होता रहता है। बिहार में चुनाव है। कैंडिडेट नॉमिनेशन भर रहे हैं। ज्यादातर कैंडिडेट तो अपनी सही उम्र बताते हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी होते हैं, जो अपनी उम्र या तो कम कर देते हैं या बढ़ाते ही नहीं है। कुछ तो ऐसे भी होते हैं, जो उम्र बढ़ा भी देते हैं। चलिए अब जानते हैं कि ये उम्र का घोटाला किसने-किसने किया है। एक-एक करके इनके बारे में जानेंगे…
1.सत्यदेव सिंहः विधानसभा में कुछ और, एफिडेविट में कुछ और
Advertisementसत्यदेव सिंह कुर्था सीट से जदयू के कैंडिडेट हैं। बिहार विधानसभा पर जो इनके बारे में जानकारी है, उसके हिसाब से ये 14 साल की उम्र में ही राजनीति में आ गए थे। विधानसभा की वेबसाइट पर इनकी डेट ऑफ बर्थ 20 जून 1950 है। इस हिसाब से आज इनको 70 पार हो जाना चाहिए था। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ।
इस बार इन्होंने जो एफिडेविट दाखिल किया है, उसमें अपनी उम्र 61 साल बताई है। 2015 में भी जो एफिडेविट दायर किया था, उसमें 56 साल उम्र बताई थी। उस हिसाब से तो सही है, लेकिन विधानसभा की साइट पर जानकारी के हिसाब से गलत है। अब या तो विधानसभा में गलत जानकारी है या फिर एफिडेविट में।
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2. सरोज यादवः 5 साल में तीन साल छोटे हो गए
Advertisementसरोज यादव राजद के टिकट पर बड़हरा सीट से खड़े हुए हैं। यहां के मौजूदा विधायक भी हैं। दूसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं। 2015 में इन्होंने जो एफिडेविट दाखिल किया था, उसमें साफ-साफ लिखा था, ‘मैंने 33 वर्ष की आयु पूरी कर ली है।’
इस बार भी जो एफिडेविट दाखिल किया है, उसमें भी इसी तरह लिखा है, ‘मैंने 30 वर्ष की आयु पूरी कर ली है।’ यानी, सरोज यादव ऐसे हैं जिनकी उम्र घटती है। 5 साल में इन्हें कायदे से 38 साल का हो जाना चाहिए था, लेकिन ये और छोटे होकर 30 साल के हो गए हैं।
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3. राजेश कुमारः खुद को 2 साल छोटा बताते हैं
Advertisementकुटुम्बा सीट से कांग्रेस के कैंडिडेट हैं राजेश कुमार। 1985 से राजनीति में हैं। बिहार विधानसभा की वेबसाइट पर जो जानकारी है, उसमें इनकी डेट ऑफ बर्थ है 28 जनवरी 1967। इस हिसाब से ये 53 साल 8 महीने के हो चुके हैं। लेकिन, एफिडेविट में बताते हैं कि इन्होंने 51 वर्ष की आयु पूरी कर ली है।
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4. निक्की हेम्ब्रमः 5 साल में एक दिन भी नहीं बढ़ीं
लोग अक्सर कहते हैं कि महिलाओं से उनकी उम्र नहीं पूछना चाहिए। और अगर कोई पूछता भी है तो वो अपनी उम्र कम ही बताती हैं। भाजपा की निक्की हेम्ब्रम भी शायद ऐसी ही हैं। कटोरिया सीट से दोबारा खड़ी हुई हैं। पिछली बार हार गई थीं।
Advertisement2015 में इन्होंने अपने एफिडेविट में बताया था कि इनकी उम्र 42 साल है। 2015 को बीते हुए 5 साल होने वाले हैं। इन 5 सालों में निक्की की उम्र जरा भी नहीं बढ़ी हैं। वो तब भी 42 की थीं और अब भी 42 की ही हैं। हां, फोटो जरूर बदल गई है।
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5. जय कुमार सिंहः 5 साल में 10 साल बढ़ गए
जदयू के जय कुमार सिंह नीतीश सरकार में मंत्री हैं। दिनारा सीट से तीन बार के विधायक हैं। इस बार फिर दिनारा से ही खड़े हुए हैं। ये ऐसे नेता हैं, जिनकी उम्र 5 साल में 10 साल बढ़ गई। हालांकि, वो भी कम है। क्योंकि बिहार विधानसभा की वेबसाइट पर इनकी डेट ऑफ बर्थ है 1 मार्च 1963। इस हिसाब से इनकी उम्र होनी चाहिए 57 साल और 7 महीने।
Advertisementअब देखिए 2015 में जो एफिडेविट दाखिल किया था, उसमें इन्होंने अपनी उम्र 46 साल बताई थी। और इस बार जो एफिडेविट लगाया है, उसमें अपनी उम्र 56 साल बताई। आखिर सच्ची उम्र कौनसी है?
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6. रामानंद मंडलः ये भी 5 साल में 8 साल बढ़ गए
रामानंद मंडल जदयू के टिकट पर इस बार सूर्यगढ़ा सीट से खड़े हुए हैं। पिछली बार भी जदयू से ही लखीसराय सीट से खड़े हुए थे, लेकिन भाजपा के विजय कुमार सिन्हा से हार गए थे। जय कुमार सिंह की तरह ही इनकी उम्र भी 5 साल में 8 साल बढ़ गई है।
Advertisement2015 में इन्होंने अपने एफिडेविट में अपनी उम्र 47 साल बताई थी। 2020 में जो एफिडेविट जमा किया है, उसमें लिख दिया कि 55 वर्ष की आयु पूरी कर ली है।
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7. ज्ञानेंद्र कुमार सिंहः इनकी उम्र भी 5 साल में 10 साल बढ़ गई
जय कुमार सिंह और रामानंद मंडल ही ऐसे नहीं हैं, जिनकी उम्र बढ़ी हो। इस फेहरिस्त में एक नाम और है और वो है ज्ञानेंद्र कुमार सिंह का। ज्ञानेंद्र भाजपा के टिकट पर बाढ़ सीट से लड़ रहे हैं। पिछली बार भी यहीं से जीते थे। इनकी उम्र भी 2015 से 2020 के बीच 10 साल बढ़ गई है।
Advertisement2015 के एफिडेविट में इनकी उम्र 51 साल लिखी है और 2020 में इन्होंने अपनी उम्र 61 साल बताई है। हालांकि, विधानसभा की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के हिसाब से तो इनकी उम्र 61 साल ही होनी चाहिए। वहां इनकी डेट ऑफ बर्थ 19 जून 1959 लिखी है।
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8. बृजकिशोर विंदः ये भी खुद को 8 साल बड़ा बताते हैं
भाजपा के बृजकिशोर विंद 1991 से राजनीति में हैं। 2009 में उपचुनाव से पहली बार विधायक बने। उसके बाद 2010 और 2015 में फिर चैनपुर से जीते। इस बार भी चैनपुर से खड़े हुए हैं। विंद का नाम भी उस लिस्ट में है, जो खुद को बड़ा दिखाते हैं।
Advertisementविधानसभा की वेबसाइट पर इनकी डेट ऑफ बर्थ 1 जनवरी 1966 लिखी है। यानी, आज इनकी उम्र 54 साल 9 महीने होनी चाहिए। लेकिन, 2015 में जो इन्होंने एफिडेविट दाखिल किया था, उसमें अपनी उम्र 56 साल बताई थी और इस बार 61 साल।
जदयू के कैंडिडेट का उम्र में घोटाला
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