विधानसभा चुनाव 2020 में साफ हो चुका है कि इस बार की मुख्य लड़ाई एनडीए बनाम महागठबंधन के बीच होने वाली है। दोनों ही गठबंधन में सीटों के बंटवारे पर अभी तक कोई फैसला नहीं हो पाया है। दोनों ही गठबंधन के लोग दावा कर रहे हैं कि उनके यहां सीटों को लेकर बात फाइनल हो चुकी है। लेकिन जब तक औपचारिक ऐलान ना हो जाए तब तक इस पर यकीन करना संभव नहीं दिख रहा है।
अगर अभी तक के हालात को देखें तो साफ है कि एनडीए में मुख्य रूप से बीजेपी, जेडीयू, एलजेपी और हम घटक दल होंगे। इस गठबंधन में बीजेपी और जेडीयू बराबर-बराबर सीटों पर लड़ सकती है। ऐसे में दोनों दलों के बीच सीटें तय को लेकर विवाद होने की संभावना है। दरअसल 2015 के विधानसभा चुनाव में दोनों दलों ने एक दूसरे के खिलाफ जाकर चुनाव लड़ा था। इस वजह से करीब 52 सीटें ऐसी रही थीं जहां बीजेपी और जेडीयू प्रत्याशी बीच सख्त लड़ाई देखने को मिली थी। ऐसे में तय माना जा रहा है कि इस बार के विधानसभा चुनाव में इन सीटों पर दावेदारी को लेकर दोनों दलों के बीच खींचतान देखने को मिल सकती है।
22 सीटों पर बीजेपी-जेडीयू में दिखी थी कांटे की टक्कर
2015 विधानसभा चुनाव के रिजल्ट को आधार मानें तो 22 सीटें ऐसी थीं जिसपर बीजेपी और जेडीयू के प्रत्याशियों के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली थी। इन सीटों पर दोनों दलों के प्रत्याशी ने एक दूसरे को 10 हजार से कम वोटों के अंतर से मात दी थी। ऐसे में अगर सीटों के बंटवारे पर बात होती है तो दोनों दल इन सीटों पर अपनी दावेदारी मजबूती से पेश कर सकते हैं।
इन 28 सीटों पर जेडीयू ने काफी कम अंतर से बीजेपी को हराया
सिकटा
दरौंधा
महाराजगंज
एकमा
मेहनार
मोरवा
सरायरंजन
मटिहानी
फुलपारस
लौकाहा
निर्मली
सुपौल
रानीगंज
रुपौली
बिहारीगंज
बेनीपुर
जिरादेई
परबत्ता
गोपालपुर
अमरपुर
बेलहार
राजगीर
इस्लामपुर
नालंदा
अगिआंव
राजपुर
दिनारा
नवीनगर
ये वो सीटें हैं जहां जेडीयू प्रत्याशी ने जीत दर्ज की थी। लेकिन यहां जीत का अंतर 10 हजार से भी कम वोट रहा था। ऐसे में बीजेपी भी इन सीटों पर अपनी दावेदारी कर सकती है।
इन 24 सीटों पर बीजेपी ने दर्ज की थी जीत
बगहा
नौतन
चनपटिया
कल्याणपुर
पिपरा
मधुबन
अमौर
सिकटी
कटिहार
जाले
कुरहानी
मुजफ्फरपुर
बैकुंठपुर
सीवान
लखीसराय
बिहार शरीफ
बाढ़
दीघा
भभुआ
गोह
गौरा
हिसुआ
वरसालिगंज
झाझा
ये वो सीटें हैं जहां बीजेपी के प्रत्याशी ने बेहद कम अंतर से जीत दर्ज की थी। जबकि वरसालिगंज, बिहार शरीफ, मुजफ्फरपुर आदि कई ऐसी सीटें हैं जिसे जेडीयू का माना जाता रहा है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि इस बार दोनों दल इन दलों को लेकर क्या समझौता करती हैं।