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बिहार के गांवों में विकास की रफ्तार अब और तेज होगी.गांवों की सूरत बदलने के लिए केंद्र दिए ₹1152 करोड़

पटना. बिहार के गांवों में विकास की रफ्तार अब और तेज होगी. 15वें वित्‍त आयोग की सिफारिश पर केंद्र ने बिहार के लिए ₹1152.60 करोड़ का फंड जारी कर दिया है. इस फंड का इस्‍तेमाल ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद में तय फॉर्मूले के आधार पर किया जाएगा. इसका उद्देश्‍य निचले स्‍तर तक विकास को ले जाना है. बिहार के लिए यह राहत वाली खबर है. बिहार के पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने इस बाबत जानकारी दी. उन्‍होंने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विकास को अंतिम पायदान तक ले जाने के लिए सतत प्रयत्‍नशील हैं.Even after several decades of independence people of this village are  deprived of basic Facilities | आजादी के दशकों बाद भी मूलभूत सुविधा से वंचित  है इस गांव के लोग, चुनाव के

वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा के आधार पर भारत सरकार से टाइट अनुदान मद के तहत पहली किश्‍त के रूप में 1152.60 करोड़ रुपये का फंड बिहार को मिला है. यह फंड बिहार के 8067 ग्राम पंचायतें, 533 पंचायत समितियां और 38 जिला परिषदों को सुदृढ़ करने के लिए दिया गया है. सम्राट चौधरी ने बताया कि स्वीकृत राशि की निकासी वित्तीय वर्ष 2022-23 में की जाएगी. 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा पर मिले अनुदान का वितरण पंचायती राज संस्थाओं के बीच 70:15:15 के अनुपात में किया जाएगा. इस फॉर्मूले के आधार पर ग्राम पंचायतों को 806.82 करोड़, पंचायत समितियों को 172.89 करोड़ और जिला परिषदों को 172.8 रुपया आवंटित किया जाएगा.karmatand village of bihar has lack of basic facilities | बिहार: आजादी के 7  दशक बाद भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं इस गांव के लोग | Hindi News, बिहार  एवं झारखंड

मंत्री सम्राट चौधरी ने बताया कि 1 सप्ताह पहले भारत सरकार ने वित्त आयोग की अनुशंसा के आलोक में अनटाइड मद में 768.40 करोड़ रुपये पंचायती राज संस्थाओं के बीच अनुपातिक रूप से वितरित किया गया है. इस प्रकार भारत सरकार द्वारा टाइड में 1152.60 एवं अनटाइड मद में 768.40 करोड़ यानी की कुल मिलाकर बिहार को वित्तीय वर्ष 2022-23 मेंकुल 1921 करोड़ रुपया प्राप्त हुआ है. इससे गांव का मुकम्मल विकास संभव है. सम्राट चौधरी ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गांव में निवास करने वाले अंतिम पायदान के व्यक्तियों तक विकास पहुंचाने में सतत प्रयत्नशील है. पीएम की सोच महात्मा गांधी के सपनों को साकार करने का सार्थक प्रयास है. सम्राट चौधरी ने त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों से धरातल पर काम करने का आग्रह किया और गैर जिम्मेदाराना कार्य करने वाले प्रतिनिधियों को नपने की भी नसीहत भी दी.

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