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GST काउंसिल की अगले महीने होने वाली बैठक में 143 वस्तुओं के दाम में हो सकती है बढ़ोतरी

अगले महीने होने जा रही GST काउंसिल की बैठक में सरकार जीएसटी दरों में बदलाव कर सकती है. इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के अनुसार, सरकार करीब 143 वस्तुओं की जीएसटी दर में वृद्धि कर सकती है. इस पर सरकार ने राज्यों से विचार मांगे हैं. खबरों के अनुसार, इससे केंद्र के राजस्व में वृद्धि होगी और राज्य मुआवजे के लिए केंद्र पर निर्भर नहीं रहेंगे.

सरकार का इन 143 वस्तुओं में से 92 फीसदी वस्तुओं को 18 फीसदी स्लैब से हटाकर 28 फीसदी के स्लैब में लाने का प्रयास है. यह प्रस्तावित दर बढ़ोतरी उन कटौतियों को खत्म कर देगी जो सरकार ने 2019 लोकसभा चुनाव से पहले, 2017 व 2018 में की थी.GST काउंसिल की 42वीं बैठक: 5 करोड़ से कम टर्नओवर वालों को मंथली रिटर्न से  राहत, राज्यों को आज रात ही जारी होगा 20000 करोड़ का कंपंजेशन सेस | The  Financial ...

किन वस्तुओं के दाम बढ़ने का अनुमान
खबरों के मुताबिक, जिन वस्तुओं की जीएसटी दरें बढ़ाई जा सकती हैं उनमें पापड़, गुड़, पावर बैंक, घड़ियां, सूटकेस, हैंडबैग, परफ्यूम, कलर टीवी सेट (32 इंच से कम), चॉकलेट, च्युइंगम, अखरोट, कस्टर्ड पाउडर, नॉन एल्कोहोलिक बेवरेज, सिरेमिक सिंक वॉश बेसिन, काले चश्मे, चश्मे के लिए फ्रेम और चमड़े के अपैरल और कपड़ों के सामान शामिल हैं. पापड़ और गुड़ (गुड़) जैसी वस्तुओं पर जीएसटी दरें शून्य से बढ़ाकर 5 प्रतिशत किया जा सकता है. चमड़े के अपैरल और सहायक उपकरण, कलाई घड़ी, रेज़र, परफ्यूम, प्री-शेव/आफ्टर-शेव की तैयारी, डेंटल फ्लॉस, चॉकलेट, वफ़ल, कोको पाउडर, कॉफी के अर्क और कॉन्संट्रेट, नॉन एल्कोहोलिक बेवरेज, हैंडबैग/शॉपिंग बैग, सिरेमिक सिंक, वॉश बेसिन, प्लाईवुड, दरवाजे, खिड़कियां, बिजली के उपकरण (स्विच, सॉकेट आदि) की निर्माण वस्तुओं पर जीएसटी की दर 18 फीसदी से बढ़कर 28 फीसदी हो सकती है.

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GST Council meeting to be held tomorrow - कल होगी जीएसटी काउंसिल की बैठक,  सोना बेचने पर टैक्स लगने से लेकर टू-व्हीलर्स पर घट सकता है GSTचार स्तरीय है जीएसटी की संरचना
गौरतलब है कि फिलहाल जीएसटी की संरचना 4 स्तरीय है. इसमें 5 फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी और 28 फीसदी की दर से टैक्स लगता है. आवश्यक वस्तुओं का या तो सबसे कम स्लैब में छूट या टैक्स लगाया जाता है. जबकि लग्जरी आइटम्स को उच्च श्रेणी में रखा गया है. इन पर सबसे अधिक दर यानी 28 फीसदी टैक्स लगता है. इससे होने वाले टैक्स कलेक्शन का उपयोग जीएसटी रोलआउट होने के बाद राज्यों को राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए किया जाता है. इसके अलावा, सोने और सोने के आभूषणों पर 3% टैक्स लगता है. वहीं, अभी बिना ब्रांड वाले और बिना पैकेज वाले खाद्य पदार्थ और डेयरी वस्तुएं जीएसटी के दायरे से बाहर हैं.

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