रीवा जिले में दिल को झकझोर देने वाला मामला सामने आया. यहां एक बूढ़ी मां के शव को चारपाई पर लेकर उसकी बेटियों ने पैदल ही श्मशान घाट तक लंबा सफर तय किया. वजह ये थी कि शव ले जाने के लिए एंबुलेंस नहीं मिली थी. बेटियां मां के शव को उठाकर चलती रहीं लेकिन किसी ने उनके साथ अर्थी को कंधा देने की ज़रूरत नहीं समझी.
ये वाकया रीवा जिले के रायपुर कर्चुलियान जनपद पंचायत क्षेत्र का है. दिल को झकझोर देने वाला एक वीडियो सामने आया है जिससे सरकारी सिस्टम के साथ- साथ इंसानों का चेहरा भी उजागर हुआ है. जहां चार महिलाएं कंधे पर खाट रखकर और उसमें अपनी मां के शव को डालकर पैदल चलती दिखीं. बेटियां अपने मां के शव को अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट ले जा रही थीं. इसके बाद सिस्टम के साथ ही इंसान के रवैए पर भी सवाल उठ रहे हैं. जब मीडिया ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ अधिकारी बी एल मिश्रा से बात की तो उन्होंने खुद ही सरकारी सिस्टम पर सवाल खड़े कर दिए.
इंसानियत कहां गयी?
बताया जा रहा है कि बूढ़ी मां की मौत के बाद बेटियों को उनका शव ले जाने के लिए एंबुलेंस नहीं मिली. कोई और साधन था नहीं. इसलिए परेशान होकर और थक हारकर अपनी मां के शव को चारपाई पर रखकर दूर तक ले जाना पड़ा. इसमें कोई इंसान या यूं कहें कि कोई पुरुष उस बूढ़ी मृतक महिला को कंधा देने के लिए आगे नहीं आया. इसके बाद इंसानियत को शर्मसार करने वाली यह तस्वीर अब सोशल मीडिया पर तेजी के साथ वायरल हो रही है.