दिल्ली की सत्तारूढ़ पार्टी आम आदमी पार्टी जो पंजाब में मुख्य विपक्ष के रूप में है धीरे – धीरे कद बढ़ने का सिलसिला शुरू कर चुकी है ,उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड ,गोवा गुजरात ,के बाद अब नजरे हिमाचल प्रदेश टिक गई है , अगर बात करे तो उत्तरप्रदेश में लगातार आप नेताओं का दौरा शुरू है, जहा पंचायत चुनाव में कुछ प्रत्याशी जीते है ,वही पंजाब में में अभी भी आप का पलड़ा भारी है , तो उत्तराखंड में मजबूत पार्टी के रूप में उभरी है ,पार्टी के संयोजक अरविन्द केजरीवाल लगातार दौरा कर रहे है , पिछले गोवा के चुनाव में कुछ खास नहीं कर पाई पार्टी इस बार कमाल कर सकती है ,गुजरात की बात करे तो जबरदस्त वापसी कर भाजपा और कांग्रेस को सोचने पर मजबूर कर दिया है ,अब जब बड़ा ऐलान आप ने हिमाचल को लेकर किया है तो विपक्षी खेमे में सरगर्मियों तेज होने लगी है. हिमाचल प्रदेश में ‘आप’ दिल्ली मोडल का नारा देकर प्रदेश की तमाम 68 विधानसभा सीटों पर अपने आम उम्मीदवारों को उतारने का ऐलान कर दिया है
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पार्टी के संयोजक अरविन्द केजरीवाल की ओर से दिल्ली विधानसभा के निदेशक रत्नेश गुप्ता को अपना गुप्तचर और प्रदेश में पार्टी का प्रभारी बनाकर हिमाचल के वोटर्स की नब्ज टटोलने और आम आदमियों को संगठित करने के लिये हिमाचल में तैनात कर दिया है. रत्नेश भी अपने आलाकमान के हुकुम की तामील करते हुये हिमाचल के आम वोटर्स और लीडर्स में अपनी आम सूरत और सियासी सीरत के साथ सेंधमारी की फुल जुगत भिड़ाने में जुट चुके हैं.
रत्नेश की मानें तो उन्हें जब से हिमाचल में पार्टी की कमान मिली है. उन्होंने 68 की 68 विधानसभाओं में अपना संगठन तैयार कर दिया है, और इसकी बानगी सियासी राजधानी कांगड़ा के बड़े क्षेत्र नूरपुर में लोगों ने देख भी ली. यहां जिस तरह से आम आदमियों ने रसूखदार नेताओं के रसूख को धत्ता दिखाते हुये सड़कों पर उतरकर आप का समर्थन किया. उससे यहां की दिग्गज पार्टियों के दिग्गज नेताओं की चूलें अभी से हिलनी शुरू हो गई हैं. रत्नेश गुप्ता ने बताया कि अभी तो ये महज़ ट्रेलर था. पिक्चर तो बहुत जल्दी यहां की पार्टियों को दिखानी है. जो कि दशकों से यहां की जनता को भ्रमित करती आई हैं. रत्नेश गुप्ता ने बताया कि हिमाचल में दिल्ली मोडल की तर्ज पर ही चुनाव लड़ा जाएगा, मगर इससे पहले देशभर के 6 राज्यों में होने वाले चुनावों में आप अपने उम्मीदवार उतारेगी और वहां भी दिल्ली मॉडल का परचम लहराया जाएगा.
दिल्ली मॉडल बनेगा आधार
उन्होंने बताया कि जो भी लोग दिल्ली मोडल से बाकिफ न हों तो वो दिल्ली में जाकर इसकी बानगी ज़रूर देख सकते हैं कि वहां आम लोगों को कैसे उनके द्वारा चुकता किये जाने वाले टैक्स की पाई-पाई वसूल करवाई जाती है. यानी उन्हें शिक्षा स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिये किसी रसूखदारों की चौखटें नहीं नापनी पड़ती, बल्कि ये सहूलियतें उन्हें मुफ्त में प्रदान की जाती हैं. साथ इतना ही नहीं बिजली पानी को दिल्ली सरकार दूसरे राज्यों से खरीदती है. बावजूद इसके उन्हें ये भी सहूलियत मुफ्त में प्रदान की जाती है. यानी ज़रूरत की हर चीज़ दिल्ली का आम आदमी अपनी जेब की लिहाज़ से पूरा कर रहा है, हिमाचल में तो कुदरत ने धन संपदा की अपार नेमत बख्श रखी है.
बस ज़रूरत है तो उसे इमानदारी से दोहन करने की, रत्नेश गुप्ता ने बताया कि वो कांगड़ा दौरे पर आये हैं और यहां उनकी ओर से तमाम ट्रांसपोर्ट यूनियनों से मुलाकात हुई है. उनकी समस्याओं को सुनने के बाद मालूम हुआ है कि वो जिस तरह से टैक्स चुकता कर रहे हैं. उस तरह से उन्हें सहूलियतें नहीं मिल पा रही हैं जिसे आम आदमी पार्टी अपनी सरकार बनाने के बाद हर लिहाज़ से मुकम्मल करेगी.