झारखण्ड के मुख्यमंत्री की कुर्सी फिलहाल डगमगा रही है ,कुछ महीने पहले भी जोर-शोर से चर्चा थी कि सरकार को गिराने की साजिश रची जा रही है, लेकिन झारखंड की तेज तर्रार पुलिस ने वक्त रहते आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और खुद को सरकार का संकटमोचक साबित करने का प्रयास किया था. सरकार गिराने के पुराने मामले में अब तक पुलिस जांच के नाम पर कुछ खास बात आगे बढी नहीं थी कि इस बीच एक बार फिर सरकार गिराने के आरोप में पुलिस ने एक और FIR दर्ज कर ली है. अब लोगों की उत्सुकता और बढ गई है. साथ ही रवि केजरीवाल को जानने में भी लोगों की दिलचस्पी बढ़ी है.
सरकार गिराने की साजिश जिस रवि केजरीवाल पर लगा है, उनका झामुमो सुप्रिमो शिबू सोरेन और हेमंत सोरेन से वर्षों का रिश्ता रहा है. उन्होंने पार्टी मे लंबे समय तक कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी निभाई है. रवि केजरीवाल हेमंत सोरेन की पहली 14 महीने की सरकार में सीएम के साथ साये की तरह रहते थे. सरकार में रवि केजरीवाल की तूती बोला करती थी, लेकिन 2019 में जब झामुमो ने हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सरकार बनाई तो केजरीवाल हासिए पर चले गगए. यंहा तक की उनको पार्टी से बाहर का रास्ता भी दिखा दिया गया.
क्या है आरोप?
हेमंत सोरोने की सरकार गिराने का आरोप इस बार सत्ताधारी झारखंड मुक्ति मोर्चा के पुराने वफादार और लम्बे समय तक पार्टी के कोषाध्यक्ष रहे रवि केजरीवाल पर लगा है. रवि केजरीवाल पर आरोप है कि घाटशिला के विधायक रामदास सोरेन को हेमंत सरकार से बगावत कर पार्टी तोड़ने के लिए उकसाया. इसके लिए केजरीवाल पर विधायक रामदास सोरेन ने नई सरकार में मंत्री पद और पैसे का प्रलोभन देने का आरोप लगाया है. विघायक रामदास सोरेन का कहना है कि केजरीवाल के साथ उनका एक दोस्त अशोक अग्रवाल ने प्रलोभन उनके सरकारी रांची निवास पर आकर दिय़ा था. झामुमो विधायक ने रांची के धुर्वा थाने में इस बाबत अपनी शिकायत दी, जिसपर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है.