नई दिल्ली: भारत का विदेश मंत्रालय एक बार फिर 70 से ज्यादा देशों के राजनयिकों को ऐतिहासिक नगरी वाराणसी ले जा रहा है. मौका है गुरु पूर्णिमा का. इस मौके पर ये सभी राजदूत और राजनयिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा क्षेत्र में लाखों मिट्टी के दिए जलते देखेंगे औऱ साथ ही कार्तिक पूर्णिमा के इस पावन अवसर पर गंगा आरती और देव दिवाली का अद्भुत नजारा लेंगे
जी-20 की अध्यक्षता के दौरान भारत सरकार ने वाराणसी में कई बैठकें कीं. जी-20 के समय यहां सांस्कृतिक विभाग से जुड़े मंत्रियों की बैठकों का आयोजन किया गया था. शंघाई सहयोग संगठन (SCO) से संबंधित कई बैठकें वाराणसी में हुई थीं. भारत की अध्यक्षता के समय ही वाराणसी को SCO का पहला संस्कृतिक सेंटर बनाया गया था. इसे बनाने का ऐलान उजबेकिस्तान के प्रमुख शहर समरकंद की SCO समिट में ही ले लिया गया था
इसी नवंबर महीने की शुरुआत में विदेश मंत्रालय ने एक अच्छी पहल की और वो 50 से ज्यादा देशों के राजनयिकों को अयोध्या लेकर गए थे. दिवाली के अवसर पर भगवान राम की जन्मभूमि पर दीपोत्सव देखना विदेशी मेहमानों के लिए अनूठा अनुभव था