मुंबई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता शरद पवार पर हमला बोलकर कई लोगों को हैरान कर दिया होगा क्योंकि वे सौहार्दपूर्ण व्यक्तिगत संबंध साझा करने के लिए जाने जाते हैं. लेकिन अनुभवी नेता पर पीएम मोदी का तंज मोदी-पवार के सत्ता खेल का एक और उदाहरण है जहां दोस्ती और प्रतिद्वंद्विता साथ-साथ हैं.
गुरुवार को शिरडी में एक सभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने किसानों के कल्याण में पवार के योगदान पर सवाल उठाया. पीएम मोदी ने पूछा, “महाराष्ट्र में, कुछ लोगों ने किसानों के नाम पर राजनीति की. एक बहुत बड़े नेता जिन्होंने दिल्ली में कृषि मंत्री के रूप में कार्य किया… उन्होंने किसानों के लिए क्या किया है?” उन्होंने आगे कहा, “व्यक्तिगत रूप से, मेरे मन में उनके लिए सम्मान है.”
हम सच्ची नीयत से किसान के सशक्तिकरण में जुटे हैं।
Advertisementलेकिन कुछ लोगों ने महाराष्ट्र में किसानों के नाम पर सिर्फ राजनीति की है।
महाराष्ट्र के एक वरिष्ठ नेता काफी समय तक केंद्र सरकार में कृषि मंत्री रहे हैं, लेकिन उन्होंने 7 साल के अपने कार्यकाल में देश भर के किसानों से MSP पर सिर्फ… pic.twitter.com/3CAsmMNLyK
— BJP LIVE (@BJPLive) October 26, 2023
Advertisement
इसके बाद पीएम मोदी ने कहा कि जहां उनकी सरकार ने सात साल में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 13.5 लाख करोड़ रुपए का अनाज खरीदा, वहीं पवार ने इसी अवधि में केवल 3.5 लाख करोड़ रुपए का अनाज खरीदा. बता दें कि पवार यूपीए सरकार में कृषि मंत्री थे.
इसके बाद पीएम मोदी ने कहा कि जहां उनकी सरकार ने सात साल में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 13.5 लाख करोड़ रुपए का अनाज खरीदा, वहीं पवार ने इसी अवधि में केवल 3.5 लाख करोड़ रुपए का अनाज खरीदा. बता दें कि पवार यूपीए सरकार में कृषि मंत्री थे.
हालांकि, बीजेपी के भीतर कई लोगों का तर्क है कि 2024 के लोकसभा चुनाव नजदीक होने के साथ ही पीएम मोदी का पवार के खिलाफ हमला स्वाभाविक था. एक भाजपा मंत्री ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ से कहा, “महाराष्ट्र में, एनसीपी के भीतर विभाजन के बाद भी शरद पवार सबसे बड़े नेता बने हुए हैं. उनके पास ‘इंडिया’ नामक एक स्थायी विपक्षी मोर्चा है. मराठा समुदाय, विशेषकर पश्चिमी महाराष्ट्र में उनकी पकड़ को देखते हुए भाजपा नेता अपनी रणनीति के तहत उन्हें निशाना बनाने के लिए बाध्य हैं.”