मथुरा. ब्रज में श्री कृष्ण जन्माष्टमी के आगामी उत्सव की तैयारियों की रौनक़ बढ़ गई है. लाखों भक्तों ने अपने आराध्य भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के लिए ब्रज में पहुंचने की योजना बना ली है. मथुरा कृष्ण जन्मभूमि के मंदिरों में होना वाला जन्म अभिषेक जन्माष्टमी का मुख्य केंद्र रहता है और इस बार श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर जन्माष्टमी का उत्सव और भी दिव्य और अलौकिक होने वाला है.
श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव, कपिल शर्मा, ने बताया कि इस वर्ष भगवान के 5250वें जन्मोत्सव के अवसर पर जन्मस्थान की सजावट, ठाकुर जी की पोशाक, और शृंगार बेहद दिव्य होगा. जन्मस्थान को कारागार के रूप में सजाया जाएगा, जिसमें गर्भगृह और बाहरी भाग शामिल होंगे. कृष्ण चबूतरा पर भगवान की सभी लीलाओं का प्रदर्शन भी किया जाएगा. यह उत्सव भगवान कृष्ण के जन्मस्थान पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है.
जन्माष्टमी के संपूर्ण दिन का कार्यक्रम
कान्हा के जन्मोत्सव मंदिर में 7 सितंबर को सुबह 5:30 बजे से भगवान की मंगला आरती के साथ शुरू होगा. इसके बाद, सुबह 8:00 बजे ठाकुर जी का दिव्य पंचामृत अभिषेक किया जाएगा, साथ ही मंत्रोचरण के साथ पुष्पर्चान किया जाएगा. सुबह 10:00 बजे, भागवत भवन में श्री राधाकृष्ण युगल सरकार के चरणों में मंगलारती और वेदमंत्रों के साथ पुष्पांजलि दी जाएगी.
जन्माष्टमी का मुख्य जन्म महाभिषेक रात्रि 11:00 बजे से होगा
जन्माष्टमी के दौरान होने वाला मुख्य जन्म अभिषेक का कार्यक्रम 7 सितंबर को रात्रि 11:00 बजे से श्री गणेश- नवग्रह के पूजन से आरंभ होगा. साथ ही, 1008 कमल पुष्पों से सहस्त्रार्चन करते हुए ठाकुर जी का आवाहन किया जाएगा. इसके बाद रात 12:00 बजे, भगवान के प्राकट्य के साथ सम्पूर्ण मंदिर परिसर में ढोल नगड़ों के साथ भगवान के जन्मोत्सव की धूम पूरे ब्रज में दिखाई देगी. जन्म के साथ ही भगवान की जन्म आरती भी शुरू हो जाएगी, जो रात 12:05 तक चलेगी.
जिसके बाद भगवान का जन्म अभिषेक सर्वप्रथम स्वर्ण मंडित रजत कामधेनु स्वरूपा गौ के द्वारा किया जाएगा, जो कि रात्रि 12:05 से लेकर 12:20 तक चलेगा, जिसे पयोधरमहाभिषेक भी कहा जाता है. इसके बाद भगवान रजत कमल पर विराजमान होंगे और उनका दूध, दही, घी, बूरा, शहद के साथ दिव्य औषधियों और वनस्पतियों से जन्म महाअभिषेक 12:20 से लेकर 12:40 तक किया जाएगा. जिसमें श्री राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत श्री नृत्यगोपाल दास महाराज भी मौजूद रहेंगे. अभिषेक के बाद भगवान कृष्ण की शृंगार आरती रात 12:40 से 12:50 तक होगी और शयन आरती रात 01:25 से लेकर 01:30 बजे तक होगी, जिसके बाद ठाकुर जी को शयन कराकर दर्शन बंद कर दिए जाएंगे.
इसरो को समर्पित होगी ठाकुर जी की पोशाक और फूल बांग्ला
इसरो के वैज्ञानिकों की ओर से बनाए गए चंद्र यान ने 23 अगस्त को चांद पर पहुंचकर एक इतिहास रच दिया था, जिससे पूरे देश का मान-सम्मान ऊंचा हुआ और इस बार इसरो की इस सफलता की झलक श्री कृष्ण जन्मस्थान मंदिर में भी देखने को मिलेगी. इस वर्ष मंदिर भगवान के लिए जो पुष्प बांग्ला सजाया जाएगा, उसका नाम इसरो के चीफ़ श्रीधर परिकर सोमनाथ के नाम पर रखा गया है. साथ ही, जन्माष्टमी के दौरान ठाकुर जी पोशाक धारण करेंगे. उसका नाम प्रज्ञान प्रभास रहेगा, जो कि चन्द्र यान के लैंडर प्रज्ञान रोवर के नाम पर रखा गया है.