कब और कैसे हुआ था सूरज का जन्म?
सूर्य के अंत का समय और प्रक्रिया जानने से पहले जानते हैं कि इसका जन्म कब और कैसे हुआ था? वैज्ञानिकों का कहना है कि सूर्य का जन्म करीब 4.6 अरब साल पहले हुआ था. माना जाता है कि सूर्य और सौरमंडल का बाकी हिस्सा गैस व धूल के विशाल गोले से बना है. इसे सोलर नेब्युला के तौर पर जाना जाता है. नेशनल ज्योग्राफिक की एक रिपोर्ट कहती है कि करीब 4.5 अरब साल पहले हीलियम और हाइड्रोजन से बने एक आणविक बादल से सूरज के बनने की शुरुआत हुई थी. वैज्ञानिकों का मानना है कि सुपरनोवा से सूर्य के करीब एक बेहद शक्तिशाली शॉकवेव पैदा हुई थी, जो उस बादल के संपर्क में आई. उसकी शक्ति से ही सूर्य चार्ज हो गया और इस प्रक्रिया से इसकी उत्पत्ति हुई
कैसे और कब होगा हमारे सूर्य का अंत?
वैज्ञानिकों ने शोध के आधार पर भविष्यवाणी की है कि सूर्य का अंत कब होगा? साथ ही बताया है कि अंत के बाद यह कैसा दिखाई देगा? वैज्ञानिकों के मुताबिक, सूर्य अपने अंत से पहले बहुत ही ज्यादा गर्म और चमकदार हो जाएगा. वैज्ञानिकों का मानना है कि सूर्य की कुल उम्र 10 अरब साल के आसपास रहेगी. इस आधार पर कहा जा सकता है कि सूर्य अपनी आधी उम्र गुजार चुका है यानी पांच अरब साल बाद सूरज का अंत हो जाएगा. वैज्ञानिकों का कहना है कि आखिरी समय में सूर्य लाल तारे में तब्दील हो जाएगा. इस दौरान सूरज का कोर सिकुड़ जाएगा. इस प्रक्रिया में सूर्य की बाहरी परतें धरती को घेरते हुए मंगल की कक्षा तक पहुंच जाएंगी. मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने 2018 में एक शोध रिपोर्ट में बताया था कि सूरज 90 फीसदी दूसरे तारों की तरह सिकुड़ कर सफेद बौना तारा बन जाएगा
सूर्य के अंत के बाद धरती का क्या होगा?
सूर्य की उत्पत्ति करीब 4.60 अरब साल पहले हुई थी. सूरज के कारण ही धरती पर जीवन की उत्पत्ति संभव हो पाई थी. अब भी सूर्य के कारण ही धरती पर जीवन है. सूरज से ही मौसम हैं. मौसम की वजह से जलवायु और समुद्र की धारा भी तय होती है. सूरज की रोशनी से पौधों में प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया होती है. अगर सूरज नहीं रहेगा तो धरती पर जीवन भी संभव नहीं रह पाएगा. शोधकर्ताओं के मुताबिक, सूर्य का अंत होने से कुछ पहले ही धरती पर इंसान, जीवन-जंतु और वनस्पतियां खत्म हो जाएंगी