नई दिल्ली. भारत के चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) ने अपने निर्धारित समय पर चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग कर इतिहास रच दिया है और अब इसके बाद मिशन (Mission Moon) का अगला चरण शुरू हो गया है. चंद्रयान का विक्रम के सतह पर लैंड होने के बाद कई तरह से काम करेगा. वैज्ञानिकों ने बताया है कि चंद्रयान-3 मिशन को तीन प्रमुख हिस्से में बांटा गया हैं. सबसे पहला था प्रोप्लशन मॉड्यूल, जो लैंडर को चांद की कक्षा तक लेकर गया है. इससे हाल ही में विक्रम अलग हो गया था जबकि प्रोप्लशन मॉड्यूल चांद की सतह में घूम रहा है. इससे अलग होने वाले लैंडर विक्रम के साथ ही रोवर प्रज्ञान को भेजा गया था. अब लैंडर विक्रम ने चांद पर सफलतापूर्वक उतरकर मिशन का पहला पड़ाव पूरा कर दिया है.
दरअसल इस मिशन में अब रोवर अलग होगा और वह चांद की सतह पर घूमकर कई तरह की जानकारियां, फोटो और डेटा भेजेगा. अब रोवर प्रज्ञान पर निगाहें लगी हुई हैं. भारत दुनिया का पहला ऐसा देश है जिसने चंद्रमा के साउथ पोल वाले हिस्से में लैंडिंग की है. यहां रोवर प्रज्ञान कई प्रकार की जांच और संभावनाएं तलाश करेगा. यहां मिट्टी, धरती पर मौजूद तत्व, वातावरण में मौजूद खनिज तत्व और सबसे महत्वपूर्ण पानी होने की संभावनाएं खोजेगा.
चंद्रमा के दक्षिण पोल पर उतरने में पहली सफलता
चंद्रमा के ध्रुवीय क्षेत्र पर्यावरण और उनके द्वारा पेश की जाने वाली कठिनाइयों के कारण बहुत अलग भूभाग हैं और इसलिए उनका अभी तक अन्वेषण नहीं हुआ है. चंद्रमा पर पहुंचने वाले पिछले सभी अंतरिक्ष यान भूमध्यरेखीय क्षेत्र में उतरे हैं. चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र का भी पता लगाया जा रहा है क्योंकि इसके आसपास के क्षेत्रों में पानी की मौजूदगी की संभावना हो सकती है.
क्या-क्या है दक्षिण पोल पर, पूरी मिलेगी जानकारी
चंद्रमा के दक्षिण पोल पर कई ऐसे क्रेटर्स हैं जो अरबों साल से अंधेरे में हैं और यहां सूरज की रोशनी कभी पहुंच नहीं पाई. ऐसे स्थानों पर स्थितियों के बारे में रोवर के जरिए जानकारियां मिल सकती हैं. रोवल दक्षिण पोल पर स्पेस साइंस से जुड़ी कई रिसर्च वर्क को पूरा करेगा और सीधी चंद्रमा से जानकारी मिलने से कई तथ्यों का वेरिफिकेशन होगा. रोवर प्रज्ञान चांद की सतह पर मौजूद तत्वों के बारे में जानकारी लेगा और उसे धरती तक भेजेगा. जानकारी के अनुसार रोवर जानकारियों को पहले लैंडर को भेजेगा और उसके जरिए ये डेटा भारतीय डीप स्पेस नेटवर्क तक पहुंचेगा. इसके साथ ही क्या चंद्रमा पर पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, सिलिकॉन, एल्यूमीनियम, टाइटेनियम और आयरन जैसे तत्व मौजूद हैं या नहीं? इसको लेकर भी जानकारी मिलेगी.