भोपाल. मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले हिंदू राष्ट्र के मुद्दे पर सियासत जारी है. कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा हिंदू राष्ट्र की बात करने वाले पंडित धीरेंद्र शास्त्री भटक गए हैं. हिंदू राष्ट्र की मांग करना निजी विचार हो सकता है, लेकिन हम भारतीय संविधान को चुनौती नहीं दे सकते. उन्होंने कहा हिंदू राष्ट्र की बात करने वाले पहले संवैधानिक पद से इस्तीफा दे दें.
कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने न्यूज़ 18 से बातचीत में हिंदू राष्ट्र, बजरंग दल पर एमपी में पाबंदी समेत अन्य मुद्दों पर किए गए सवालों के जवाब दिए. हिंदू राष्ट्र की मांग करने वालों के बारे में दिग्विजय सिंह ने कहा मैं हिंदू था हूं और रहूंगा. बीजेपी के लोग जो हिंदू धर्म के ठेकेदार बनते हैं उनसे बेहतर हिंदू हूं. बीजेपी के लोग हिंदू धर्म को नुकसान पहुंचा रहे हैं वो धर्म का राजनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्होंने कहा कोई धार्मिक उन्माद नहीं चाहता. कुछ लोग हिंदुओं में और कुछ लोग मुसलमानों में हैं जो कि धार्मिक उन्माद फैलाकर नफरत की राजनीति करते हैं.
मणिपुर हिंसा पर मौन क्यों
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा नफरत की राजनीति से हिंसा बढ़ती है. आज जो कुछ देश में हो रहा है चाहें हरियाणा में चाहें मणिपुर में, उसकी हम लोगों को चिंता करनी चाहिए. मणिपुर में कुकी और मैतेई समाज के बीच ऐसे हालात हैं कि लोग एक दूसरे को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं. वो लोग जो एक साथ मिलकर भारत माता की सेवा और सुरक्षा करते हुए सेना में काम करते थे. आज एक दूसरे के खून के प्यासे हो गए हैं.
पीसीसी चीफ कमलनाथ बागेश्वर धाम की कथा करवाकर कहते हैं कि भारत की 82 फ़ीसदी आबादी हिंदू है. पंडित धीरेंद्र शास्त्री हर मंच से हिंदू राष्ट्र की वकालत करते हैं. इस पर दिग्विजय सिंह ने कहा कमलनाथ के बयानों को तोड़ मरोड़कर पेश किया जाता है. कमलनाथ पूरे तरीके से भारतीय संविधान पर विश्वास रखते हैं और रखते रहेंगे. इसके अलावा धीरेन्द्र शास्त्री नौजवान हैं. मैं भी उनसे मिला हूं. वह माइंड रीडिंग करके लोगों को प्रभावित करते हैं, लेकिन वह हिंदू राष्ट्र के मामले में भटक गए हैं. देश में हिंदू राष्ट्र की मांग करना उनका निजी विचार हो सकता है. लेकिन भारतीय संविधान को हम चुनौती नहीं दे सकते. भारतीय संविधान हमारे लिए प्रिय है. हिंदू राष्ट्र की मांग करने वाले जो लोग संविधान की शपथ लेकर बैठे हुए हैं, चाहें वह किसी भी पार्टी के हों उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए