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AAP को झटका, BJP में शामिल हुआ यह पार्षद, जानिए कौन है

नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम में आम आदमी पार्टी को भाजपा ने झटका दिया है. बवाना वार्ड से AAP के पार्षद पवन सहरावत भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए हैं. भाजपा में शामिल होने के बाद मीडिया से मुखातिब हुए पवन ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने अपने तमाम पार्षदों को एमसीडी सदन में स्टैंडिंग कमिटी के सदस्यों के चुनाव के लिए मतदान के दौरान तस्वीरें खींचने और हंगामा करने का निर्देश दिया था. उन्होंने AAP पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का भी आरोप लगाया. एमसीडी में स्टैंडिंग कमिटी के सदस्यों के चुनाव के लिए मतदान अभी होना है. उससे पहले पवन सहरावत का पाला बदलना आम आदमी पार्टी के लिए किसी शॉक से कम नहीं है.  इस चुनाव में AAP और BJP दोनों जोर लगा रही हैं.

गौरतलब है कि 22 फरवरी को संपन्न एमसीडी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव में AAP ने दोनों पदों पर जीत दर्ज की. शैली ओबेरॉय मेयर और आले इकबाल डिप्टी मेयर चुने गए. शैली ने भाजपा की रेखा गुप्ता और इकबाल ने कमल बागड़ी को हराया. इसके बाद स्थायी समिति के 6 सदस्यों का चुनाव होना है. लेकिन इसबार कुल 7 सदस्य मैदान में है. आप की तरफ से 4 जबकि बीजेपी की तरफ से 3 पार्षद स्टैंडिंग कमिटी का चुनाव लड़ रहे हैं. एमसीडी एक्ट के अनुसार, एक प्रत्याशी को 35 वोट मिलने के पर वह स्थायी समिति के लिए निर्वाचित हो जाता है. ऐसे में अगर बीजेपी को अपने तीनों कैंडिडेट्स जिताने हैं तो उसे 105 मतों की जरूरत होगी. अभी उसके 104 पार्षद थे, लेकिन पवन सहरावत के आने के बाद उसके पार्षदों की संख्या 105 हो गई है. यानी मौजूदा गणित के हिसाब से बीजेपी के 3 उम्मीदवार स्टैंडिंग कमिटी के मेम्बर बन जाएंगे.

वहीं, आम आदमी पार्टी के भी 3 सदस्य जीत तो जाएंगे, लेकिन चौथे कैंडिडेट की जीत के लिए उसे 6 वोटों की दरकार होगी. अगर भाजपा के सभी पार्षदों ने पार्टी के पक्ष में वोटिंग की और कांग्रेस के पार्षदों ने मतदान से दूरी बना ली तो आम आदमी पार्टी के लिए अपने तीसरे उम्मीदवार को जीताना मुश्किल होगा. एमसीडी में असली ‘पावर’ तो स्टैंडिंग कमिटी के पास है. बजट से लेकर प्रस्‍तावों में बदलाव तक के लिए स्टैंडिंग कमिटी की मंजूरी चाहिए होती है. AAP और बीजेपी में खींचतान की असल वजह यही है. स्टैंडिंग कमिटी में जिस पार्टी के पास बहुमत होगा, बजट और प्रस्तावों में उसी की चलेगी. स्टैंडिंग कमिटी में 6 सदस्य होते हैं, जिनका चुनाव पार्षद सदन की पहली बैठक में करते हैं. चुनाव में हर जोनल/वार्ड कमिटी से 12 लोग भी शामिल होते हैं. एमसीडी की स्थायी समिति के सदस्यों का कार्यकाल अधिकतम 2 साल के लिए होता है. रिटायर हो चुके सदस्य दोबारा चुनाव लड़ सकते हैं. स्टैंडिंग कमिटी के पास सारे वित्‍तीय और नियुक्तियों से जुड़े मामलों पर फैसले लेने का अधिकार होता है.

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