नई दिल्ली: चुनावी सफलताओं के लिहाज से देखा जाए तो बीजेपी के लिए साल 2022 काफी शानदार रहा. पार्टी को जहां अपने सबसे मजबूत गढ़ गुजरात में रिकॉर्डतोड़ जीत हासिल हुई, वहीं उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मणिपुर में दोबारा शानदार बहुमत के साथ सरकार बना कर बीजेपी ने इन प्रदेशों में भी राजनीतिक जीत का नया रिकॉर्ड बनाया. गोवा में भी भाजपा दोबारा सरकार बनाने में कामयाब रही. अब 2023 भाजपा के लिए काफी महत्वपूर्ण रहने वाला है, क्योंकि इस साल होने वाले विधानसभा के चुनाव, 2024 के लोकसभा चुनाव की दशा और दिशा तय करेंगे
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 2023 में राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, त्रिपुरा, मेघालय, नागालैंड, मिजोरम और जम्मू-कश्मीर सहित कुल 10 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में विधानसभा चुनाव होने हैं. राजस्थान और छत्तीसगढ़ में वर्तमान में कांग्रेस की सरकार है. कांग्रेस मुक्त भारत का नारा देने वाली भाजपा इन दोनों राज्यों में कांग्रेस को सत्ता से बाहर करने की पुरजोर कोशिश कर रही है. भाजपा राजस्थान में अशोक गहलोत को और छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल को हराकर गांधी परिवार और कांग्रेस दोनों को झटका देना चाहती है. क्योंकि ये दोनों ही नेता गांधी परिवार के काफी करीबी माने जाते हैं
अपना गढ़ बचाने की चुनौती
इस साल कर्नाटक और मध्य प्रदेश में भी विधानसभा चुनाव होना है. इन दोनों राज्यों में वर्तमान में भाजपा की सरकार है और आगामी विधानसभा चुनावों में उसका सीधा मुकाबला कांग्रेस से ही होना है. बीजेपी के सामने अपने मजबूत किले मध्य प्रदेश में सत्ता बचाने और दक्षिण भारत के एक मात्र राज्य कर्नाटक में फिर से सरकार बनाने की चुनौती होगी. बीजेपी ने इन दोनों राज्यों के लिए अभी से अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं.
बीजेपी के लिए इस साल के अहम चुनाव
इस साल जम्मू-कश्मीर में भी इस साल विधानसभा चुनाव होने की संभावना है. यह चुनाव भाजपा के लिए काफी अहम होने जा रहा है. जम्मू में पहले से ही भाजपा मजबूत स्थति में है, लेकिन पार्टी इस बार कश्मीर घाटी में भी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने की पुरजोर कोशिश कर रही है. धारा 370 खत्म करने के बाद जम्मू-कश्मीर के चुनाव में बीजेपी का अच्छा प्रदर्शन उसके राजनीतिक विरोधियों को बैकफुट पर जाएगी. त्रिपुरा, मेघालय, नागालैंड और मिजोरम में भी इस साल विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं. त्रिपुरा में वर्तमान में भाजपा की सरकार है. चुनावी रणनीति के तहत त्रिपुरा में भी भाजपा ने अपना मुख्यमंत्री बदला है.
संभावना है कि साल की शुरुआत मे ही बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव तक कर दिया जाए. वर्ष 2023 में होने वाले विधानसभा चुनावों की रणनीति बनाने और उसे जमीनी धरातल पर उतारने के तौर तरीकों की समीक्षा भाजपा आलाकमान समय-समय पर दिल्ली और इन राज्यों की राजधानियों में जाकर भी करेगा. इन बैठकों की कमान मुख्य तौर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महासचिव बीएल संतोष के हाथों में ही रहेगी