आरा. भोजपुर में बालू के अवैध खनन से जुड़े लोग प्रकृति से छेड़छाड़ कर रहे हैं. ज्यादा से ज्यादा बालू के अवैध खनन में लगे बालू माफियाओं ने सोन नदी में कृत्रिम बांध बनाकर सोन नदी के पानी को रोक नदी के धारे को दूसरी तरफ मोड़ दिया है जिससे तटवर्ती इलाके में जलस्तर खिसकने लगा है. ये स्थानीय किसानों के लिए परेशानी का सबब बन गया है. किसानों की खेतों में सिंचाई के लिए लगा बोरिंग भी काम नही कर रहा है
दरअसल भोजपुर के संदेश थाना क्षेत्र के नारायणपुर गांव के पास बालू माफियाओं ने सोन की धारा मोड़ नदी के बीचोबीच कृत्रिम बांध का निर्माण कर दिया है. इस कृत्रिम बांध पर पटना जिले से भोजपुर जिले तक धड़ल्ले से अवैध बालू लदे ट्रकों का परिचालन हो रहा है. इतना ही नहीं सोन के बीचोबीच बनाये गए इस बांध से पटना से संदेश के नारायणपुर तक बालू लदे ट्रकों का परिचालन भोजपुर के सोन नदी तटवर्तीय इलाकों में बाढ़ राहत के लिए बनाए गए पुराने बांध को काट बांध से हो रहा है, जिससे पुराना बांध भी क्षतिग्रस्त हो गया है
इस समस्या को लेकर स्थानीय निवासी और जदयू के प्रखंड अध्यक्ष विपिन कुमार विश्वास ने भोजपुर डीएम, एसपी, एसडीएम, संदेश सीओ, जिला खनन पदाधिकारी सहित तमाम पदाधिकारियों को शिकायत पत्र दिया है बावजूद इसके नियम के विरुद्ध नदी से छेड़छाड़ कर बालू की अवैध निकासी कर रहे बालू माफियाओं पर कोई कार्रवाई नही की जा रही है. शिकायतकर्ता जदयू प्रखंड अध्यक्ष और जिला सचिव की मानें तो उनकी शिकायत पर एक बार खनन अधीक्षक जरूर जांच को पहुंचे और कृत्रिम बांध को कटवाने का बालू के स्थानीय ठेकेदार को निर्देश दिया लेकिन उनके जाते ही बांध को फिर पहले की स्थिति में ला दिया गया
जदयू नेताओं के मुताबिक सोन में सैकड़ों फ़ीट गड्ढा खोद और नदी की धारा से छेड़छाड़ कर सोन का पानी पटना जिले की ओर मोड़ दिया गया है और इस पर बनाये गए कृत्रिम बांध से रोजाना इलाके से हजारों बालू लदे ट्रक निकल रहे हैं लेकिन जिला प्रशासन आंखें मूंदे बैठा है और इलाके के लोग परेशानी झेल रहे हैं. हालात ये हो गए हैं कि तमाम परेशानियों के साथ-साथ अब किसी की मौत के बाद उनकी अंत्येष्टि करने की जगह भी सोन नदी किनारे नही बची है. जदयू नेताओं और स्थानीय किसानों ने बालू माफियाओं के विरुद्ध जल्द से जल्द ठोस कार्रवाई की मांग करते हुए उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है