नई दिल्ली. दिल्ली सरकार (Delhi Government) ने राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण (Air Pollution) को कम करने और स्मॉग को नियंत्रित करने के लिए कई कदम उठाए हैं. इससे फैक्ट्रियां अस्थायी रूप से बंद है और निर्माण कार्य भी रूक गया है. सरकार ने डीजल से चलने वाले वाहनों को प्रतिबंधित करने और वाटर स्प्रिंकलर और एंटी-स्मॉग गन लगाने की घोषणा की है. सरकार ने नए आदेश से निर्माण कार्य और विध्वंस कार्य पर तत्काल रोक लग गई है. वहीं राजमार्ग, सड़क, फ्लाईओवर, ओवरहेड ब्रिज, बिजली पारेषण और पाइपलाइन जैसी परियोजनाएं पर भी रोक लग गई है. वायु प्रदूषण रोकने के लिए और इनसे लोगों को बचाने के लिए अलग-अलग तरह से कोशिशें की जा रही हैं
सरकार ने बताया कि प्राथमिक स्कूलों को बंद करने का निर्णय लिया गया है जबकि अन्य छात्रों की बाहरी गतिविधियों को प्रतिबंधित कर दिया गया है. दरअसल दिल्ली की हवा अब जहरीली हो चुकी है और शुक्रवार सुबह एक्यूआई 470 (Air Pollution AQI Level) पर पहुंच गया. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, शहर में हवा की गुणवत्ता “गंभीर” और वैश्विक सुरक्षा सीमा से 10 गुना अधिक खराब हो गई है. आदेश में कहा गया, ‘आवश्यक/आपातकालीन सेवाओं के लिए उपयोग किए जाने वाले वाहनों व बीएस-6 वाहनों को छोड़कर, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और दिल्ली की सीमा से लगे एनसीआर के जिलों में चार पहिया डीजल एलएमवी के चलने पर प्रतिबंध रहेगा
आंखों में जलन, सांस लेने में परेशानी हो रही
धूल, धुआं और धूम कोहरा के कारण आम जन-जीवन पर असर पड़ रहा है. ऑटो चालक ने बताया कि आंखों में दर्द और सांस लेने में कुछ परेशानी अनुभव हो रही है. जहरीली हवा के कारण पूरा वातावरण ही दमघोंटू लग रहा है. वहीं एक पुलिस कर्मी ने कहा कि पूरे समय जहर जैसी हवा में सांस लेने के कारण ऐसा लगता है कि अस्पताल में भर्ती होना पड़ेगा. वहीं दिल्ली सरकार ने एडवाइजरी करते हुए कहा है कि ऐसे समय बच्चों और बुजुर्गों का खास ध्यान रखा जाए. सांस और हृदय संबंधी समस्याओं वाले लोगों से बाहरी गतिविधियों से बचने का आग्रह किया है. नई दिल्ली देश के किसी भी अन्य शहर की तुलना में प्रदूषण के संकट से अधिक जूझ रही है और यह पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में पराली जलाने के कारण सर्दियों में बढ़ जाती है