पटना. बिहार में बालू खनन को लेकर बड़ी खबर है. बिहार सरकार ने नया आदेश जारी करते हुए आम लोगों को बड़ी राहत दी है. बिहार सरकार ने अगले 3 महीने यानी 25 दिसंबर तक बिहार में बालू खनन की इजाजत दे दी है. सरकार ने फैसला लेते हुए निर्देश जारी किया है कि जो पुराने बालू घाटों के ठेकेदार हैं उन्हें ही अगले तीन महीने तक के लिए बालू खनन की इजाजत दी जाती है. सरकार के इस फैसले से लोगों को बड़ी राहत मिली है. बिहार में जून से ही बालू खनन पर रोक लगने के कारण बालू की कीमत आसमान छू रही था. नए निर्देश के बाद संभावना जताई जा रही है की बालू की कीमतों में गिरावट आएगी.
नई खनन नीति के कारण की गई व्यवस्था
बालू घाटों के खनन के लिए अगले 3 महीने तक पुराने ठेकेदारों को ही खनन की इजाजत देने के पीछे मुख्य कारण नई उत्खनन नीति है. बिहार सरकार का नया खनन नीति अक्टूबर से ही लागू हो रहा है. सरकार इस नीति के तहत ई नीलामी के जरिए अगले 5 वर्षों के लिए किसी को बंदोबस्ती देने का फैसला लिया है. सभी जिलों के जिला अधिकारियों द्वारा टेंडर जारी कर दिया गया है. सभी जिलों में नई नीति के तहत टेंडर की प्रक्रिया पूरी होने तक माना जा रहा है की यह प्रक्रिया जारी रहेगी.
जानिए क्या है नई खनन नीति
बिहार सरकार ने कैबिनेट की बैठक में बड़ा फैसला लेते हुए बिहार की खनन नीति 2019 में बड़ा बदलाव किया है. नीतीश सरकार ने बालू खनन नीति 2019 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए बालू घाटों की अगले 5 वर्ष के लिए समाहर्ता के माध्यम से ई-बंदोबस्ती सह निविदा के माध्यम से कराए जाने की स्वीकृति दी गई है. नई बालू खनन नीति के तहत बालू घाटों की बंदोबस्ती शुल्क में 50 प्रतिशत की वृद्धि की है. जिले के डीएम अगले पांच वर्षों के लिये ई नीलामी के माध्यम से बंदोबस्ती करेंगे साथ ही बकाया वसूली की नोटिस देंगे. माइनिंग प्लान भी इन्हें खुद ही बनना होगा. सुरिक्षत और प्रतिभूति राशि को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत किया गया है.