बरसाना (मथुरा)। राधारानी के जन्मोत्सव के लिए राधा की नगरी दुल्हन की तरह सज चुकी है। मंदिरों में तैयारियां पूर्ण हो चुकी हैं। राधा जन्मोत्सव का खास उत्साह बरसाना में देखने को मिल रहा है। यहां कृष्ण प्रिया राधारानी के जन्मोत्सव में शामिल होने के लिए भक्त पहुंच चुके हैं। इस बार राधारानी 4 सितंबर को ब्रह्म मुहूर्त में सुबह चार बजे प्रकट होंगी। इस पल का साक्षी बनने को देश-दुनिया के लाखों श्रद्धालु बरसाना पहुंचते हैं।
इसके लिए बरसाना के साथ आसपास के सभी गेस्ट हाउस, धर्मशालाएं फुल हो चुकी हैं। अष्ठ सखियों के गांवों में भी विशेष तैयारी की गई हैं। ब्रह्मांचल पर्वत पर विराजमान लाडली जी का निज महल सज धज कर तैयार है। मान गढ़, मान मंदिर, मोर कुटी, खोर सांखरी, गहवर वन, दान गढ़, विलास गढ़ और कीर्ति मंदिर सभी कृष्ण प्रिया राधे के जन्मोत्सव की तैयारियां पूर्ण कर चुके हैं। राधा की नगरी में हर तरफ राधे-राधे की धूम है।मूल नक्षत्र में जन्मेंगी राधारानी, सेवायत विधिविधान से करेंगे मूल शांति
वृषभान नंदिनी भाद्र पक्ष की शुक्ल अष्टमी को अनुराधा नक्षत्र तथा मूल नक्षत्र में जन्म लेंगी। मूल नक्षत्र में जन्म लेने से राधारानी की मूल शांति के लिए सेवायत शनिवार रात दो बजे गर्भग्रह में प्रवेश करेंगे। मूल शांति के लिए 27 कुओं का जल, 27 पेड़ों की पत्ती, 27 तरह की औषधियों, 27 मेवा तथा 27 ब्राह्मण, सोने चांदी की मूल मूलनी और कांस्य के बना तेल के छाया पात्र के साथ हवन होगा। इसके बाद दूध, दही, शहद, बूरा, इत्र, घी, गुलाब जल, गोघृत, पंच मेवा, पंच नवरत्न, केसर आदि से उनके श्रीविग्रह का अभिषेक गोस्वामी समाज के तीनों थोक के सेवायत करेंगे।
श्रीनारायण भट्ट ने मंदिर एवं प्रतिमाएं स्थापित कराईं, कहा जाता है कि 600 वर्ष पूर्व दक्षिण भारत से किशोरी जी के परम भक्त श्रीनारायण भट्ट बरसाना आए। लाडली जी ने उन्हें ब्रह्मंचल पर्वत पर होने का स्वप्न दिया। तब श्रीनारायण भट्ट ने अपने शिष्य नारायण स्वामी के साथ किशोरी जी का ब्रह्मांचल पर्वत श्रीजी मंदिर एवं जयपुर मंदिर के बीच प्राकटॺ किया।