पाटीदार आंदोलन से गुजरात के राजनितिक भूमिका में आये कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल कार्यकारी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है अपने इस्तीफे की खबर हार्दिक पटेल ने ट्वीट के जरिये दी है. ट्वीट कर उन्होंने लिखा कि आज मैं हिम्मत करके कांग्रेस पार्टी के पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं. मुझे विश्वास है कि मेरे इस निर्णय का स्वागत मेरा हर साथी और गुजरात की जनता करेगी. मैं मानता हूं कि अपने इस कदम के बाद मैं भविष्य में गुजरात के लिए सच में सकारात्मक रूप से कार्य कर पाऊंगा.
बता दें कि हार्दिक काफी लंबे वक्त से पार्टी से नाराज चल रहे थे और लगातार प्रदेश के नेताओं और हाईकमान पर सवाल खड़े कर रहे थे. बता दें कि गुजरात में विधानसभा चुनाव होने में कुछ वक्त ही बचा है. ऐसे में हार्दिक पटेल के इस्तीफे से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. हार्दिक पटेल ने अपना इस्तीफा सोनिया गांधी को सौंपा है.
हार्दिक ने इस्तीफे में लिखा है कि कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में किसी भी मुद्दे के प्रति गंभीरता की कमी एक बड़ा मुद्दा है. मैं जब भी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से मिला तो लगा कि नेतृत्व का ध्यान गुजरात के लोगों और पार्टी की समस्याओं को सुनने से ज्यादा अपने मोबाइल और बाकी चीजों पर रहा. जब भी देश संकट में था अथवा कांग्रेस को नेतृत्व की सबसे ज्यादा आवश्यकता थी तो हमारे नेता विदेश में थे.
हार्दिक पटेल ने पत्र में लिखा है कि पिछले लगभग तीन वर्षों में मैंने यह पाया कि कांग्रेस पार्टी सिर्फ विरोध की राजनीति तक सीमित रह गई है. जबकि देश के लोगों को विरोध नहीं, एक ऐसा विकल्प चाहिए जो उनके भविष्य के बारे में सोचता हो, देश को आगे ले जाने की क्षमता रखता हो. अयोध्या में प्रभु श्री राम का मंदिर हो, सीएए-एनआरसी का मुद्दा हो, जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाना हो अथवा जीएसटी लागू करने जैसे निर्णय हों, देश लंबे समय से इनका समाधान चाहता था और कांग्रेस पार्टी सिर्फ इसमें एक बाधा बनने का काम करती रही.