गोंडा-बहराइच मार्ग पर विमौर गांव में संत आसाराम बापू आश्रम परिसर में खड़ी कार में एक किशोरी का शव मिला है। किशोरी बीते पांच अप्रैल की देर शाम घर से गायब हुई थी। इस मामले में स्वजन ने तीन लोगों के खिलाफ अपहरण का मुकदमा कराया था। आश्रम में खड़ी कार से बदबू आने के बाद चौकीदार ने कार में शव को देखा तो सूचना दी।
बताया जा रहा है कि किशोरी का शव मिलने की जानकारी होने पर डीएम डा. उज्जवल कुमार व एसपी संतोष कुमार मिश्र ने पहुंचकर जानकारी ली। इसके साथ ही इस घटना का राजफाश व आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए पांच टीमों को लगाया गया है। डाग स्क्वायड व फॉरेंसिक टीम ने पहुंचकर पड़ताल की।
उधर, आश्रम के सेवादार समेत कई लोगों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। एसपी ने बताया कि नगर कोतवाली के एक गांव की रहने वाली किशोरी बीते पांच अप्रैल की देर शाम घर से गायब हो गई थी। इस मामले में उसके घरवालों ने छह अप्रैल को मिश्रौलिया चौकी पर सूचना दी। काफी तलाश के बाद जब किशोरी का पता नहीं चला तो सात अप्रैल को उसके पिता ने तीन लोगों के खिलाफ अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया। मुकदमे के बाद किशोरी की बरामदगी के लिए टीम लगाई गई।
बताया कि गुरुवार देर रात गोंडा-बहराइच मार्ग पर संत आसाराम बापू आश्रम परिसर में खड़ी कार में किशोरी का शव पड़ा होने की जानकारी पुलिस को मिली। एसपी ने बताया कि वह जिलाधिकारी के साथ पहुंचे। किशोरी की पहचान कराई गई। किशोरी उसी गांव की निकली। जो पांच अप्रैल की देर शाम गायब हुई थी। कार में पड़े किशोरी के शव में सड़न शुरू हो गई थी। एसपी ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत के कारण का पता चल सकेगा। हर बिंदुओं की जांच चल रही है।
कार की नहीं हुई शिनाख्त : संत आसाराम बापू आश्रम परिसर में खड़ी कार किसकी है? कार के अंदर किशोरी कैसे पहुंची? शव दो दिनों तक कार में पड़ा रहा और किसी को भनक तक नहीं लगी। किशोरी आश्रम क्यों और कैसे पहुंची? सेवादारों की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। वहीं, किशोरी के गायब होने के 36 घंटे बाद अपहरण का मुकदमा दर्ज होना भी सवालों के घेरे में है।