पटनाः बिहार सरकार ने आज कहा कि पंचायती राज और नगर निकाय संस्था के शिक्षकों जिनका डाटा अनुमोदित है उन्हें इस वर्ष के 31 मार्च तक वर्धित वेतन का भुगतान कर दिया जाएगा।
विधान परिषद में शुक्रवार को शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के प्रोफेसर संजय कुमार सिंह के एक अल्पसूचित प्रश्न के उत्तर में कहा कि राज्य के पंचायती राज एवं नगर निकाय संस्था के तहत कार्यरत प्रारंभिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षकों के वेतन में 01 अप्रैल 2021 से 15 प्रतिशत की वृद्धि का आदेश 28 अगस्त 2020 को ही निर्गत कर दिया गया है। इस संबंध में वेतन निर्धारण के लिए ऑनलाइन कैलकुलेटर विकसित किया गया तथा सभी जिलों को निर्देश दिया गया है कि इस कोटि के शिक्षकों से संबंधित डाटा ऑनलाइन अपलोड करते हुए विहित प्रक्रिया के अनुसार डाटा अनुमोदन कर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) के डिजिटल हस्ताक्षर से वेतन पर्ची जारी किया जाए।
मंत्री ने कहा कि इस प्रक्रिया में शिक्षकों को स्कूल के लॉगिन आईडी पर ही ऑनलाइन डाटा अपलोड करने का निर्देश दिया गया था ताकि शिक्षकों को शिक्षा कार्यालय जाने की आवश्यकता न पड़े। इसके तहत 10 मार्च 2022 तक 3,52,783 शिक्षकों के विरुद्ध कुल 3,24,975 शिक्षकों का डाटा अपलोड किया जा चुका है तथा 2,08,663 शिक्षकों के डिजिटल हस्ताक्षर के बाद ऑनलाइन वेतन पर्ची निर्गत किया जा चुका है। वेतन भुगतान की कारर्वाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि 31 मार्च 2022 तक सभी शिक्षकों को जिनका डाटा अनुमोदित हो चुका है उन्हें बढ़े हुए वेतन का भुगतान कर दिया जाएगा।
विजय कुमार चौधरी ने जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के संजीव कुमार सिंह के एक अल्पसूचित सवाल के जवाब में कहा कि पंचायती राज और नगर निकाय संस्था कोटि के शिक्षक वर्ष 2006 से नियत मानदेय पर कार्यरत थे। वर्ष 2015 के 11 अगस्त से कोटि के शिक्षकों को नियत वेतन के स्थान पर अनुशंसित वेतनमान दिया गया तथा राज्य सरकार के कर्मचारियों के अनुरूप घोषित महंगाई भत्ता, चिकित्सा भत्ता, मकान किराया भत्ता एवं देय वार्षिक वेतन वृद्धि स्वीकृत की गई है।