पटना। बिहार में नीतीश कुमार की सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के तहत आठ करोड़ 72 लाख लाभार्थियों को सामान्य चावल के स्थान पर अब पोषणयुक्त फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति सुनिश्चित करने की कार्रवाई प्रारंभ कर दी है। इसके लिए सबसे पहले सभी निबंधित 1295 चावल मिलों के लिए मार्च तक ब्लेंडिंग इकाई लगाना अनिवार्य कर दिया है। सरकार के चावल मिल मालिकों को आगाह किया है कि बिना ब्लेंडिंग इकाई के स्थापित राइस मिलों की संबद्धता यानी निबंधन रद कर दिया जाएगा।
इस साल से 33 जिलों में लाभुकों को मिलेगा फोर्टिफाइड चावल
हाल में राज्य मंत्रिमंडल ने प्रदेश की करीब 56 हजार जन वितरण प्रणाली की दुकानों के माध्यम से लाभुकों को फोर्टिफाइड चावल देने का फैसला लिया है। सरकार के खाद्य सचिव एवं राज्य खाद्य निगम के प्रबंध निदेशक विनय कुमार ने बताया कि अभी जन वितरण प्रणाली की दुकानों से लाभार्थी परिवार को सामान्य चावल की आपूर्ति होती है।
अब ऐसे परिवारों, जिनके पास राशन कार्ड है, को फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति की जाएगी। नए वित्त वर्ष 2022-23 से अरवल, जहानाबाद, मुंगेर, सहरसा और लखीसराय जिले को छोड़ कर शेष 33 जिलों में लाभुकों को फोर्टिफाइड चावल चावल की आपूर्ति की तैयारी की जा रही है। उक्त पांच जिलों में वर्ष 2023-24 से लाभुकों के बीच फोर्टिफाइड चावल वितरण किया जाएगा।
मान्यता प्राप्त लैब में होगी फोर्टिफाइड चावल की गुणवत्ता की जांच
सरकार लाभुकों के बीच गुणवत्तायुक्त फोर्टिफाइड चावल का वितरण सुनिश्चित करने हेतु ठोस उपाय भी करने जा रही है। खाद्य सचिव विनय कुमार के मुताबिक चावल मिलों से प्राप्त फोर्टिफाइड चावल की गुणवत्ता की जांच मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला में करायी जाएगी। इसके लिए खुली निविदा प्रक्रिया से प्रयोगशाला का चयन किया जाएगा। इसकी प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है।
ब्लेंडिंग यूनिट की स्थापना के लिए सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि अपने-अपने जिले में स्थापित चावल मिलों में ब्र्लंडिंग यूनिट लगवाने का कार्य सुनिश्चित कराएं। साथ ही यह भी कहा गया है कि तीन दिनों के अंदर चावल मिलों के नाम-पता, निबंधन संख्या, मिलिंग क्षमता, ब्लेंडिंग इकाई (टन प्रति घंटा) आदि उपलब्ध कराएं। यदि किसी मिल द्वारा निबंधन नहीं कराया गया है, लेकिन ब्लेंडिंग इकाई लगाया गया है या लगाया जा रहा है तो उसके बारे में भी रिपोर्ट करें।