पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर पेंच फसता नजर आ रहा है, चुनाव आयोग स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ जनवरी, 2022 में एक और बैठक करेगा। इसके बाद तय किया जाएगा कि चुनाव कराए जाएं या फिर उन्हें स्थगित कर दिया जाएगा। दरअसल, सोमवार को चुनाव आयोग ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ अहम बैठक की। इस बैठक में पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब व मणिपुर में कोरोना व ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों पर चर्चा की गई। इन राज्यों में 2022 में विधानसभा चुनाव कराए जाने हैं।
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, चुनाव आयोग द्वारा बुलाई गई बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ पहुंचे। इस बैठक में देश में बढ़ते ओमिक्रॉन संक्रमण, विशेषकर चुनावी राज्यों में ओमिक्रॉन व कोरोना की स्थिति व टीकाकरण पर चर्चा की।
प.बंगाल का सबक और इलाहाबाद हाईकोर्ट की टिप्पणी
विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ ही दिनों में ओमिक्रॉन के रूप में कोरोना की तीसरी लहर भी बड़े पैमाने पर आ सकती है। इस बीच 2022 में पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर अधिसूचना भी जारी हो सकती है। हालांकि, पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के अनुभवों व इलाहाबाद हाईकोर्ट की टिप्पणी के बाद चुनाव आयोग कुछ सख्त कदम उठा सकता है। चुनाव आयोग के अधिकारी पहले ही कह चुके हैं कि वे पांचो राज्यों का दौरा कर वहां की जमीनी हकीकत को जांच कर ही कोई फैसला लेंगे।
क्या टल सकते हैं चुनाव
अभी तक चुनाव आयोग के रुख के अनुसार, चुनावों के स्थगन की संभावना बहुत कम है। अधिकारियों के मुताबिक, चुनाव टालने से कई तरह के बड़े निर्णय लेने होंगे। जैसे, जिन राज्यों में विधानसभा का कार्यकाल पूरा हो चुका है वहां राष्ट्रपति शासन लगाना होगा। वहीं सारी तैयारियां भी नए सिरे से करनी होंगी। हालांकि, चुनाव आयोग इस बार प्रचार और भीड़ प्रबंधन पर एहतियाती कदम उठा सकता है।
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