पूर्व में ब्राह्मणों के ऊपर दिए गए विवादित बयानों के बाद पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी फिर से ब्राह्मणों के लिए अपशब्दों का प्रयोग किया है जहाँ उनके बयानों के वजह से पुरे ब्राह्मणों में रोष व्याप्त है तो कई जगहों पर मांझी के खिलाफ केस दर्ज किया गया है, मांझी ने ब्राह्मण की परिभाषा बताते हुए कहा है कि मैं जिनको अपशब्द बोलता हूं वह ब्राह्मण हैं ही नहीं. वो मांस मछली खाता है, शराब पीता है, पढ़ता-लिखता नहीं है और हर कुकर्म करता रहता है, ऐसे ब्राह्मणों को मैं एक बार नहीं सैकड़ों बार अपशब्द कहूंगा
मांझी ने कहा कि जो ऐसा काम करेंगे उनको हम अपशब्द ही कहेंगे, उसे हम सम्मान नहीं दे सकते हैं. मीडिया से बात करते हुए जीतन राम मांझी ने कहा कि मैं ब्राह्मण नहीं बल्कि ब्राह्मणवाद के खिलाफ हूं और आगे भी ऐसे ही रहूंगा. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं सनातन धर्म को मानता हूं. मैं ब्राह्मणवाद का विरोध करता हूं चाहे मेरी जान ही क्यों ना चली जाए, मैं डरने वाला नहीं हूं. पूर्व सीएम ने कहा कि मैं अपने समाज के लोगों को बताऊंगा कि ऐसे ब्राह्मणवाद से डरने की जरूरत नहीं है.
ब्राह्मणों के ऊपर दिए गए बयानों से खफा आम आदमी पार्टी के बिहार प्रदेश के नेता सुभम जयहिंद ने जीतन राम मांझी को चेतावनी जारी करते हुए कहा की मांझी ने अगर अपनी जुबान पर लगाम नहीं लगाईं तो फिर मांझी बोलने लायक नहीं रहेगा ,जातिगत बयान देने का अधिकार मांझी को किसने दिया है की वो ब्राह्मणों का अपमान करे ,ब्राह्मणों के पैरो की धूल के बराबर भी मांझी की औकात नहीं है ,मैं सीधे सीधे मांझी को कहना चाहूंगा की हद में रह कर जुबान खोले मांझी नहीं तो पूरा ब्राह्मण समाज जुबान खोलने लायक नहीं रखेगा
जीभ काटने की बात पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मुद्दे को हमारे समाज के लोग देखेंगे और मैं इस पर कुछ नहीं कहूंगा. कोई मेरी जीभ काटेगा तो मेरा समाज देखता रहेगा मैं देखता रहूंगा मैं डरने वाला नहीं हूं . दरअसल पिछले दिनों मुसहर भुइयां समाज के एक कार्यक्रम में मांझी ने कहा था कि ब्राह्मण हमारे समाज के लोगों के घरों पर पूजा करने तो आते हैं लेकिन खाना खाने से पंडित {अपशब्द} इंकार कर देते हैं .मांझी के इस बयान के बाद कई शहरों में पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ केस दर्ज हुआ है
मधुबनी में तो भाजपा नेता गजेंद्र झा ने मांझी की जुबान काटने वाले को 11 लाख रुपये देने की घोषणा कर दी, हालांकि बाद में भारतीय जनता पार्टी ने अपने ही नेता पर कार्रवाई करते हुए उनको पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया.