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मंदिर पर टिकी भाजपा की राजनीती ,अयोध्या के राम, काशी के धाम और रुद्रप्रयाग के केदारनाथ भरोसे भाजपा का चुनाव जानिये विशेष

आने वाले 2022 में पांच राज्यों के चुनाव है सभी पार्टियां एड़ीचोटी का जोर लगा चुकी है वही भाजपा की पूरी राजनीती मंदिर पर टिकी है जहाँ हिंदुत्व की आग लगाकर 2022 का चुनाव लड़ेगी ,विकाश के मुद्दे पर फेल भाजपा के पास हिंदुत्व और मंदिर का भरोसा है, काशी के बाद आज अयोध्या में बड़ा सियासी जमावड़ा लगा। भाजपा शासित नौ राज्यों के मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्रियों ने राम लला के दर्शन किए। सरयू किनारे आरती की। हनुमानगढ़ी भी पहुंचे।मुख्यमंत्रियों के साथ भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और उनकी पत्नी भी मौजूद थीं। ऐसे में राजनीतिक गलियारे में इस कार्यक्रम की खूब चर्चाएं हो रहीं हैं। इस बीच, भाजपा के मंदिर पॉलिटिक्स पर फिर से विपक्ष ने सवाल उठाना शुरू कर दिया है।

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विपक्ष के नेताओं का आरोप है कि मंदिर की आड़ में भाजपा बुनियादी मुद्दों से लोगों का ध्यान भटका रही है। रोजगार, स्वास्थ्य और विकास के मुद्दों को मंदिर के पीछे छिपाना चाहती है। यही कारण है कि भाजपा अब अयोध्या के राम, काशी के धाम और रुद्रप्रयाग के केदारनाथ के सहारे चुनावी मैदान में उतरने का फैसला लिया है। मंदिर के विस्तारीकरण और सौंदर्यीकरण को विकास और रोजगार से जोड़कर भाजपा इसके फायदों को गिनाने में जुट गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इसकी शुरुआत कर चुके हैं। देखिए किन फायदों की बात कर रही है भाजपा…? UP election 2022: पश्चिमी यूपी-पूर्वांचल और बुंदेलखंड तक को साधने की इस  महीने भाजपा की क्या है तैयारी ? जानिए | UP election 2022:BJP government is  starting many big projects in entire
अयोध्या पहुंचने वाले मुख्यमंत्री

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, अरुणाचल प्रदेश के पेमा खांडू, मध्य प्रदेश के शिवराज सिंह चौहान, असम के हेमंत बिस्वा सरमा, मणिपुर के नोंगथोम्बम बीरेन सिंह, त्रिपुरा के बिप्लब कुमार देव, गुजरात के भूपेंद्रभाई पटेल और गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत अयोध्या पहुंचे। इसके अलावा बिहार के डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी, अरुणाचल के डिप्टी सीएम चाउना मीन भी इस टीम में शामिल रहे।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को वाराणसी में सद्गुरु सदाफल देव विहंगम योग संस्थान के 98वें वार्षिकोत्सव को संबोधित किया था। इस दौरान प्रधानमंत्री ने काशी विश्वनाथ धाम, अयोध्या के श्री राम मंदिर और रुद्रप्रयाग के केदारनाथ धाम का जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने कई आंकड़े भी पेश किए। कहा, ‘2013-14 से अगर तुलना करें तो 2019-20 में काशी में पर्यटकों की संख्या दोगुनी हुई है। अयोध्या में भी पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। प्रलय के बाद लोग केदारनाथ जाने से डरने लगे थे। अब वहां हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं।’ अयोध्‍या: राममंदिर पर ओवैसी के विरोध का सच

मोदी ने इन आंकड़ों के जरिए ये भी बताया कि किस तरह से अयोध्या में श्री राम मंदिर, वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम और रुद्रप्रयाग में केदारनाथ धाम के विस्तारीकरण और सौंदर्यीकरण से विकास को नया आयाम मिला है। इन तीनों जगहों पर स्वरोजगार और रोजगार में इजाफा हुआ है। देश-दुनिया से यहां श्रद्धालु आ रहे हैं। इसका फायदा यहां के आम लोगों को मिल रहा है। बड़ी संख्या में रोजगार का सृजन हुआ है।
भाजपा किन फायदों को गिना रही?

1. अयोध्या, काशी और केदारनाथ में मंदिर बनने से लोगों को रोजगार मिला है।
2. मंदिर के विस्तारीकरण से स्वरोजगार की संभावनाएं बढ़ी हैं।
3. यहां व्यवसाय को मजबूती मिली है।
4. धार्मिक, सांस्कृतिक रूप से देश मजबूत हुआ है।
5. बुजुर्ग अब आसानी से भगवान के दर्शन कर सकेंगे।
6. पूरी दुनिया के लिए ये आकर्षण का केंद्र बना है।   Kashi Vishwanath Dham |अयोध्या से चले काशी पहुंचे, मंदिर कॉरिडोर में घूम  रही बीजेपी की राजनीति Reached Kashi from Ayodhya, BJP's politics moving in  the temple corridor

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पहली बार एकसाथ कई राज्यों के मुख्यमंत्री पहुंच रहे
1991, 1992 और 2020 के बाद ये पहली बार है जब देशभर की कई बड़ी राजनीतिक हस्तियां एकसाथ अयोध्या में होंगी। 1991 में कल्याण सिंह जब मुख्यमंत्री बने थे, तब वह मंत्रिमंडल के अपने साथी सदस्यों के साथ अयोध्या पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर बनाने की शपथ ली थी।

1992 में राम मंदिर आंदोलन के दौरान लाल कृष्ण आडवाणी, उमा भारती, अशोक सिंघल, विनय कटियार समेत भाजपा के कई दिग्गज नेता अयोध्या में थे। तब बाबरी का विवादित ढांचा कारसेवकों ने गिरा दिया था। बिहार चुनाव से पहले बीजेपी को आई मंदिरों की याद, दर्शन के बहाने मंदिर  राजनीति में जुटे नेता

मंदिर के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद अगस्त 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर की नींव रखी थी। हालांकि कोरोना के चलते तब ज्यादा लोग इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होपाए थे। ये पहली बार है जब एकसाथ इतने राज्यों के मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री अयोध्या पहुंच रहे हैं।bjp mission up 2022 saffron atmosphere leaders all equations yogi akhilesh  priyanka mayawati - जमीं से आसमां तक चुनावी फिजा को भगवा करने में जुटी  बीजेपी, सारे समीकरण साध रहे दिग्‍गज

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