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68 साल बाद रतन टाटा के हाथो में एयर इंडिया की कमान, बोली लगाने में सबसे आगे रही टाटा कंपनी

मोदी सरकार के आने के बाद लगातार बुरे दौर से गुजर रही एयर इंडिया की नीलामी में टाटा कंपनी ने उच्चतम बोली लगाकर 68 साल बाद फिर से चलवाने का निर्णय लिया है दरसल न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, Air India के लिए पैनल ने टाटा ग्रुप को चुन लिया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि मंत्रियों के एक ग्रुप ने टाटा ग्रुप के टेक ओवर प्रस्ताव पर सहमति जता दी है. आने वाले दिनों में जल्दी ही सरकार यह ऐलान कर सकती है.If Air India comes into the hands of Ratan Tata, then Tata Group can take a big decision - अगर Ratan Tata के हाथों में आया Air India तो बड़ा फैसला ले

जानकारी के मुताबिक मिनिस्ट्री ऑफ सिविल एविएशन, डिपार्टमेंट ऑफ इनवेस्टेमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट और डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन के अधिकारियों ने टाटा ग्रुप के प्रतिनिधियों और स्पाइसजेट के चेयरमैन अजय सिहं से मुलाकात की.ब्लूमबर्ग ने बताया कि टाटा संस ने राष्ट्रीय वाहक एयर इंडिया के लिए बोली जीती है. बता दें कि जेआरडी टाटा ने 1932 में टाटा एयरलाइंस की स्थापना की थी.

सरकार का मकसद दिसंबर 2021 तक Air India डील को पूरा करना है. सरकर अपना विनिवेश का टारगेट पूरा करने के लिए यह डील जल्द से जल्द पूरा करना चाहती है. इसके साथ ही सरकार LIC में भी अपना हिस्सा इसी फिस्कल ईयर में बेच सकती है.Air India News: Tata, Spicejet Promoter Ajay Singh Shortlisted For Air India Bids - किसकी होगी एयर इंडिया? अब केवल टाटा ग्रुप और स्पाइसजेट प्रमोटर अजय सिंह मैदान में - Navbharat Times

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सरकार एयर इंडिया को बेच क्यों रही है?
इसकी कहानी शुरू होती है साल 2007 से. 2007 में सरकार ने एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइंस (Indian airlines) का मर्जर कर दिया था. मर्जर के पीछे सरकार ने फ्यूल की बढ़ती कीमत, प्राइवेट एयरलाइन कंपनियों से मिल रहे कॉम्पिटीशन को वजह बताया था. हालांकि, साल 2000 से लेकर 2006 तक एयर इंडिया मुनाफा कमा रही थी, लेकिन मर्जर के बाद परेशानी बढ़ गई. कंपनी पर कर्ज लगातार बढ़ता गया. कंपनी पर 31 मार्च 2019 तक 60 हजार करोड़ से भी ज्यादा का कर्ज था. वित्त वर्ष 2020-21 के लिए अनुमान लगाया गया था कि एयरलाइन को 9 हजार करोड़ का घाटा हो सकता है.प्लेन उड़ाने के शौकीन हैं रतन टाटा, 17 साल की उम्र में खतरनाक हालत में कराई थी विमान की सुरक्षित लैंडिंग | Ratan Tata once landed plane that lost its engine mid

सालों से चल रही कंपनी को बेचने की कोशिश
बता दें कि इससे पहले 2018 में भी सरकार ने एयर इंडिया के विनिवेश की तैयारी की थी.उस समय सरकार ने एयर इंडिया में अपनी 76 फीसदी हिस्सेदारी बेचने का फैसला लिया था. इसके लिए कंपनियों से एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EOI) मंगवाए गए थे, जिसे सब्मिट करने की आखिरी तारीख 31 मार्च 2018 थी, लेकिन निर्धारित तारीख तक सरकार के पास एक भी कंपनी ने EOI सब्मिट नहीं किया था. इसके बाद जनवरी 2020 में नए सिरे से प्रक्रिया शुरू की गई. इस बार 76 फीसदी की जगह 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचने का फैसला लिया गया. कंपनियों को 17 मार्च 2020 तक एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट सब्मिट करने को कहा गया, लेकिन कोरोना की वजह से एविएशन इंडस्ट्री बुरी तरह प्रभावित हुई, इस वजह से कई बार तारीख को आगे बढ़ाया गया और 15 सितंबर 2021 आखिरी तारीख निर्धारित की गई.Will Air India return to Tata? | क्या लौटकर टाटा के पास आ जाएगी एयर इंडिया? - Dainik Bhaskar

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