देश के किसी भी राज्य का पहला बड़ा फैसला लेते हुए दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने 465 इलेक्ट्रिक-बसों की खरीद को मंजूरी दे दी है इस बीच बुधवार को परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार ने क्लस्टर योजना के तहत 465 ई-बसों की खरीद को मंजूरी दे दी है और इसके लिए जल्द ही निविदाएं जारी किये जाने की उम्मीद है. इन इलेक्ट्रिक बसों के नवंबर में शुरू होने की उम्मीद है.
बता दें कि डीटीसी द्वारा एक बार में 300 इलेक्ट्रिक बसों को शामिल करना किसी भी राज्य परिवहन द्वारा अपने बेड़े में शामिल की जाने वाली बसों की सबसे बड़ी संख्या होगी. ई-बसों के पूरे बेड़े को फरवरी 2022 तक शामिल किए जाने की संभावना है.
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वायु प्रदूषण पर लगाम के लिए उठाया बड़ा कदम
सूत्रों ने दावा किया कि शहर में वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए परिवहन विभाग के स्तर पर आने वाले दिनों में सार्वजनिक परिवहन बेड़े में केवल ई-बसों को शामिल करने का निर्णय लिया गया है. अधिकारियों ने बताया कि परिवहन विभाग आने वाले महीनों में राजधानी की सड़कों पर उतरने वाली इन इलेक्ट्रिक बसों के लिए बुराड़ी और सराय काले खां में डिपो तैयार करने की भी योजना बना रहा है.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कही थी ये बात
इससे पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि दिल्ली सरकार राजधानी में वायु प्रदूषण के उच्च स्तर से लड़ने के लिए सार्वजनिक परिवहन को इलेक्ट्रिक मोड में बदलने के लिए प्रतिबद्ध है. डीटीसी की ई-बसों के लिए सुभाष प्लेस डिपो, मायापुरी डिपो, रोहिणी-II डिपो, राजघाट-II डिपो और मुंडेला कलां डिपो में भी पार्किंग की जगह तैयार की जा रही है.
बहरहाल, डीटीसी बेड़े में इलेक्ट्रिक बसों को शामिल किया जाना ओपेक्स (परिचालन व्यय) मॉडल पर आधारित है. यह अब तक अपने स्वामित्व वाली बसों का संचालन कर रहा है. अधिकारियों ने बताया कि बस ऑपरेटर ‘जेबीएम’ और ‘टाटा मोटर्स’ क्रमशः 200 और 100 बसों का संचालन करेंगे. इस योजना के तहत, बसें एक बार चार्ज करने पर कम से कम 140 किलोमीटर का सफर तय करेंगी. ऑपरेटर की ओर से ड्राइवर उपलब्ध कराया जाएगा और डीटीसी की ओर से उन बसों में कंडक्टर प्रतिनियुक्ति किये जाएंगे.