News Times 7
इतिहासब्रे़किंग न्यूज़

जलियांवाला बाग की तरह ही हुआ था राजस्थान में भी नरसंहार तब गई थी 1200 किसानों की जान

राजस्थान में मोतीलाल तेजावत के नेतृत्व में भोभट आंदोलन हुआ था जहां जलियांवाला बाग कांड दुहराया गया था, दरअसल,  उदयपुर के झाडोल क्षेत्र को भोभट क्षेत्र कहा जाता हैं.  भोभट क्षेत्र में भी जलियांवाला बाग की तरह नरसंहार हुआ था. इस नरसंहार में करीब 1200 किसानों की मौत हुई थी. मोतीलाल तेजावत  के नेतृत्व में भोभट आंदोलन हुआ था. भोभट आंदोलन को भील आंदोलन और एकी आन्दोलन के नाम से भी याद किया जाता है. कहा जाता है कि मोतीलाल तेजावत वनवासियों के मसीहा थे.

राजस्थान में भील आंदोलन के क्या कारण थे? - Quora

गुजरात की विजयनगर रिसायत और राजस्थान के भोभट क्षेत्र में साल 1921 में शुरू हुए भोभट आंदोलन को एक शताब्दी पुरी हो चुकी है. सौ साल पुराने इस आन्दोलन के मुख्य सुत्रधार मोतीलाल तेजावत रहे, जिन्होंने जनजाति अंचल में राजनैतिक जागरण का कार्य किया. आदिवासी अंचल में सामाजिक कुरितियां खत्म करने के लिये कई लोगों ने पहल की. लेकिन राजनैतिक जागरण लाने के लिये पहले सुत्रधार मोतीलाल तेजावत रहे. मोतीलाल तेजावत ने किसानों के लिये आन्दोलन का नेतृत्व किया.बिरसा मुंडा का उलगुलान विद्रोह फिर भले ही उन्हें इस आन्दोलन में महात्मा गांधी का साथ नहीं मिला. मोतीलाल तेजावत ने भोभट आंदोलन का आगाज चित्तोडगढ जिले के मातृकुंडियां से किया और उसके बाद 21 सुत्रीय मांग पत्र तात्कालिन महाराणा को सौंपा गया. महाराणा ने भी इस मांगपत्र से 18 मांगे मान ली लेकिन मुख्य तीन मांगे जिसमें बेगारी, वन भूमि पर आदिवासी का अधिकारी और सूअर की उपज कर उनकी संख्या में वृद्धि की मांगे नहीं मानी गई. इन मांगों को लेकर ही भोभट क्षेत्र में भी किसान आन्दोलन का आगाज हुआJamui: Students Protest For Scholarship - छात्रवृत्ति राशि के लिए छात्र-  छात्राओं ने किया प्रदर्शन | Patrika News

Advertisement

इतिहासकार चन्द्रशेखर शर्मा बताते हैं कि मोतीलाल तेजावत ने जनजाति अंचल के लोगों में क्रांति का संचार किया. कोलयारी में जन्में तेजावत झोडोल क्षेत्र के कामदार थे. मोतीलाल तेजावत ने जनजाति अंचल में राजनीतिक जागरण के साथ- साथ आदिवासियों के अधिकार के लिये भी उन्हें जागृत किया. मोतीलाल तेजावत ने इन्हीं मुद्दो को लेकर विजयनगर रिसासत के नीमडा गंव में एक सभा का आयोजन किया. यह सभा सन 1921 में आयोजित हुई थी. अंग्रेजों को इस सभा की जानकारी हुई. उन्हें बताया गया कि यह सभा अंग्रेजों के खिलाफ षडयंत्र रचने के लिये बुलाई गई थी. उस दौरान अंग्रेजी हुकुमत में मेजर शटन ने सभा पर गोलीबारी के आदेश दिये और किसानों ने कुएं में कुदकर जान बचाने की कोशिश की. लेकिन कहा जाता हैं कि किसानों की शहादत से पुरा कुआं भर गया. अंग्रेजों की इस हमले में मोतीलाल तेजावत के विवाह में गोली लगी लेकिन कुछ सहयोगी उन्हें सुरक्षित स्थान पर ले गए.aki andolan in rajasthan | bhomat bhil andolan | एकी/ भोमट भील आंदोलन | bhomat  andolan ka itihas - YouTube

राजनीतिक जागृत करने का प्रयास किया
कहा जाता है कि इस आंदोलन को महात्मा गांधी का साथ नहीं मिला. लेकिन गांधी जी के द्वारा बिजोलिया के विजय सिंह के मार्फत मोतीलाल तेजावत का आत्मसमर्पण कराया गया. हालांकि गांधी के प्रयासों से पुन: मोतीलाल तेजावत जेल से रिहा भी हुए थे. मोतीलाल तेजावत ने अपने आंदोलन को गुजरात के विजयनगर क्षेत्र के अलावा राजस्थान के झाडोल और सिरोही क्षेत्र में भी चलाया और उससे किसानों को राजनीतिक जागृत करने का प्रयास किया.

निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए बिहार ,UP, MP के हर जिले से रिपोर्टर आमंत्रित हैं!
बायोडाटा वाट्सऐप करें –  9142802566 ,   1Newstimes7@gmail.com
Advertisement
Advertisement

Related posts

देश में फिर से पैर पसार रहा है कोरोना ,राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित तमाम राज्यों की बढ़ी चिंता

News Times 7

ड्रग्स केस मे फिल्म अभिनेता अर्जुन रामपाल के घर एनसीबी का छापा

News Times 7

हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में हुए हादसे में अब तक 14 लोगों की मौत की ,40 से ज्यादा लोगों के अभी भी लापता होने की आशंका

News Times 7

Leave a Comment

टॉप न्यूज़
ब्रेकिंग न्यूज़