विजय माल्या की किंगफिशर हाऊस अंततः 52 करोड़ रुपये में बिक गया ,किंगफिशर हाउस दिवालिया हो चिकी कंपनी किंगफिशर का हेडक्वार्टर था। लाख कोशिशों के बाद डेट रिकवरी ट्रिब्युनल (DRT) ने किंगफिशर हाउस को बेचा। इसे हैदराबाद के निजी डेवलपर्स सैटर्न रियल्टर्स ने 52 करोड़ रुपये में खरीदा है। बिक्री भाव अपने रिजर्व प्राइस 135 करोड़ रुपए का लगभग एक तिहाई है।
1,586 वर्ग मीटर है प्रॉपर्टी का एरिया
बिल्डिंग में बेसमेंट, एक ग्राउंड फ्लोर, एक अपर ग्राउंड फ्लोर और एक अपर फ्लोर है। इस प्रॉपर्टी का एरिया 1,586 वर्ग मीटर है, जबकि प्लॉट 2,402 वर्ग मीटर का है। किंगफिशर एयरलाइंस पर करीब भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के नेतृत्व वाले बैंकों के कंसोर्टियम का 10 हजार करोड़ रुपये बकाया है। मालूम हो कि इससे पहले शेयरों की नीलामी से कर्जदाता 7,250 करोड़ रुपये वसूल चुके हैं।
इस प्रॉपर्टी को बेचने के लिए पहले भी नीलामी हो चुकी है और आठ बार नीलामी फेल हुई थी। पहली बार इसकी नीलामी मार्च 2016 में हुई थी। इसमें प्रॉपर्टी की कीमत 150 करोड़ रुपये रिजर्व रखी गई थी। रिजर्व प्राइस अधिक रखे जाने की वजह से किंगफिशर हाउस की डील नहीं हो पा रही थी।
ब्रिटेन की अदालत ने 26 जुलाई को विजय माल्या को दिवालिया घोषित करने के आदेश को मंजूरी दे दी थी। इससे अब भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के नेतृत्व में अन्य भारतीय बैंक माल्या की संपत्ति पर आसानी से कब्जा कर सकेंगे। इन बैंकों ने अदालत में इस संबंध में याचिका दाखिल की थी। बता दें कि माल्या को बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइन द्वारा बकाया ऋण की अदायगी की मांग के लिए दुनिया भर में फ्रीजिंग आदेश का पालन करना पड़ रहा है।
दरअसल विजय माल्या ने किंगफिशर एयरलाइंस के लिए एसबीआई समेत दूसरे बैंकों से करीब 9,990 रुपये का कर्ज लिया था। लेकिन कंपनी की हालत खराब होने की वजह से माल्या बैंकों का पैसा नहीं चुका सका। इसके बाद साल 2012 में किंगफिशर एयरलाइंस बंद हो गई।