देश की बेटियों पर सच में आज और गर्व महसूस हो रहा है जब रियो के ओलंपिक में शान से देश का झंडा देश की बेटियाँ लहरा रही है ,टोक्यो ओलंपिक और रियो ओलंपिक में सिर्फ लड़कियों ने ही अबतक मेडल जीते हैं. रियो ओलंपिक में अगर लड़कियां मेडल नहीं जीतती तो भारत का तिरंगा शान से नहीं लहरा पाता. इस बार टोक्यो में हो रहे ओलंपिक खेलों में भी अब तक दो लड़कियों ने ही भारत के लिए दो मेडल पक्के कर लिए हैं.
असम की 23 साल की बॉक्सर लवलीना बोरगोहेन ने 69 किलो वर्ग में पूर्व विश्व चैम्पियन चीनी ताइपै की नियेन चिन चेन को हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश के साथ टोक्यो ओलंपिक की मुक्केबाजी स्पर्धा में भारत के लिए एक और मेडल पक्का कर दिया है. लवलीना ने 4.1 से जीत दर्ज की. सेमीफाइनल में अब उनका सामना मौजूदा विश्व चैंपियन तुर्की की बुसानेज सुरमेनेली से होगा. (PIC: AP)
लवलीना बोरगोहेन से पहले भारतीय वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने 49 किलोग्राम वेटलिफ्टिंग में भारत के लिए सिल्वर मेडल जीत लिया है. भारत टोक्यो ओलंपिक में अबतक सिल्वर मेडल जीत चुका है और लवलीना के दम पर उसने दूसरा पदक भी पक्का कर लिया है. अब बस देखना होगा कि भारत का दूसरा मेडल कौन से रंग का होता है. (PIC: AP)
टोक्यो ओलंपिक से पहले 2016 में हुए रियो ओलंपिक में भारत के खाते में सिर्फ दो मेडल जुड़े थे. यह दोनों ही मेडल लड़कियों ने जीते थे. रियो में भारत से 124 खिलाड़ियों का दल गया था, जिसमें से सिर्फ दो मेडल भारत के खाते में आए. पहला मेडल फ्रीस्टाइल कुश्त में साक्षी मलिक ने जीता. साक्षी ने ब्रॉन्ज मेडल पर अपना कब्जा जमाया था.
रियो ओलंपिक में भारत का दूसरा मेडल शटलर पीवी सिंधु ने जीता था. पीवी सिंधु ने बैडमिंटन के महिला सिंगल इवेंट में सिल्वर मेडल हासिल किया था. पीवी सिंधु से इस बार भी देश को आस है. डेनमार्क की मिया ब्लिचफेल्ट को पिछले मुकाबले में हराकर पीवी सिंधु क्वॉर्टर फाइनल में अपनी जगह बना चुकी हैं. (PIC: AP)निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए बिहार ,UP, MP के हर जिले से रिपोर्टर आमंत्रित हैं!
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