जेडीयू सांसद सुनील कुमार पिंटू ने बिहार सरकार में मंत्री मुकेश सहनी को चेतावनी देते हुए कहां की – जो हाल एलजेपी का हाल हुआ था, वही हाल वीआईपी का हो जाएगा ,चिराग़ पासवान ने एनडीए से अलग लाइन लिया था, जिसका परिणाम यह हुआ कि उनके सांसद भी उनको छोड़ एनडीए में रह गए. पिंटू ने कहा कि अगर मुकेश सहनी अलग लाइन लेकर चलने का काम करेंगे तो उनके चार विधायक (जो एनडीए के वोट पर जीत कर आए हैं) एनडीए में रह जाएंगे और मुकेश सहनी चिराग़ पासवान की तरह अकेले रह जाएंगे.
जेडीयू सांसद ने मुकेश सहनी को नसीहत देते हुए कहा कि उन्हें चिराग पासवान से सीखने की ज़रूरत है, क्योंकि वो मतदाता एनडीए के थे और एनडीए के बलबूते पर ही उनके विधायक जीत कर आए हैं. इसलिए उनके मन में कोई बात हो तो अपनी बात वो रखें, लेकिन एनडीए का कोई विधायक एनडीए से अलग नहीं होगा. सुनील कुमार पिंटू ने कहा कि बिहार में चारों पार्टियों की सरकार है और जिसके जितने विधायक होते हैं, उसकी उतनी भागीदारी होती है. इसलिए एनडीए बिहार में चारों दल जेडीयू-बीजेपी-वीआईपी-हम को साथ में लेकर है. उन्होंने जोर देकर कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चाहे जीतनराम मांझी हों या मुकेश सहनी, बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व हो या फिर जेडीयू कार्यकर्ता सबकी बात सुनते हैं और सबको साथ लेकर चलते हैं.
जेडीयू विधायक पिंटू ने सोमवार को एनडीए की बैठक के बहिष्कार पर कहा कि छोटी-छोटी बात पर मुंह फुलाने से नहीं होता. उम्मीद है कि मुख्यमंत्री से मिलने के बाद उनकी गलतफहमी दूर हो जाएगी. बिहार में विपक्षी दल मुकेश सहनी के के रुख से उत्साहित हैं. भले ही वो एनडीए में रहने और नाराज़गी दूर करने की बात कह रहे हैं, लेकिन कांग्रेस का कहना है कि एनडीए में उनको सम्मान नहीं मिलता.
कांग्रेस सांसद अखिलेश सिंह ने कहा है कि राजनीति में मंत्री बनना सम्मान की बात होती है, लेकि सरकार के लोगों द्वारा मंत्री को अपमानित करना दुर्भाग्यपूर्ण है. मुकेश सहनी सेल्फ़ रिसपेक्ट वाले आदमी हैं. इस आचरण के बाद मुझे नहीं लगता कि वो एनडीए के साथ रहेंगे. कांग्रेस सांसद अखिलेश सिंह ने जीतन राम मांझी और सहनी के वापस महागठबंधन में आने की संभावना पर कहा कि मैं शुरू से कहता था आज न कल आना ही है. एनडीए में इनके लिए निर्वहन करना मुश्किल है.