पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के 8वें व अंतिम चरण के मतदान के तहत 35 सीटों पर वोटिंग जारी है,283 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होगा मुस्लिम बहुल आबादी वाले जिलों में सबकी नजर अल्पसंख्यक वोटों पर रहेगी। इस हिसाब से देखा जाए तो इस बार ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (TMC) और कांग्रेस के बीच मुख्य मुकाबला रहने वाला है। पिछले सात फेज में TMC और भाजपा ही आमने-सामने रही हैं।
सुरक्षा के लिए केंद्रीय बलों की 753 कंपनियां
आठवें चरण में हिंसा रोकने के लिए चुनाव आयोग ने केंद्रीय सुरक्षाबल की 753 कंपनियां तैनात की हैं। सबसे ज्यादा हिंसा के लिए जाने जाने वाले बीरभूम, मुर्शिदाबाद और मालदा जिले में सबसे ज्यादा जवान तैनात किए गए हैं। बीरभूम जिले में केंद्रीय सुरक्षाबलों की 224 कंपनियां तैनात की गई हैं। मुर्शिदाबाद में 212, मालदा में 110 और कोलकाता उत्तर में 95 कंपनियां तैनात की गई हैं।
11,860 बूथों पर 84.78 लाख वोटर डालेंगे वोट
इन 35 सीटों के उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला 41 लाख 21 हजार 735 महिला मतदाताओं और 158 ट्रांसजेंडर मतदाताओं समेत कुल 84 लाख 77 हजार 728 मतदाता करेंगे। इनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 43 लाख 55 हजार 835 है। मतदान शाम साढ़े 6 बजे तक चलेगा। मतदान के लिए कुल 11,860 बूथ बनाए गए हैं। इनमें बीरभूम में 3908, मालदा में 2073, मुर्शिदाबाद में 3,796 और कोलकाता उत्तर में 2,083 मतदान केंद्र हैं।
चार जिलों में कांग्रेस और टीएमसी का रहा है दबदबा
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के आठवें चरण में जिन 35 सीट के लिए मतदान हो रहा है, इनमें मालदा की 6, बीरभूम की 11, मुर्शिदाबाद की 11 और कोलकाता नॉर्थ की 7 सीटें शामिल हैं। मालदा और मुर्शिदाबाद में 7वें चरण में भी कुछ सीटों पर वोटिंग हुई थी। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के गृह क्षेत्र मुर्शिदाबाद जिले में माकपा-कांग्रेस-आईएसएफ गठबंधन को अच्छे नतीजों की उम्मीद है।
2016 के नतीजों की बात करें तो इन 35 सीटों में से ममता बनर्जी की पार्टी को जहां 17 सीटें मिली थीं, वहीं कांग्रेस ने 13 सीटों पर जीत हासिल की थी। भाजपा सिर्फ एक सीट ही जीत सकी थी और 3 सीटें भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के खाते में गई थीं। इसके अलावा एक सीट पर निर्दलीय ने जीत दर्ज की थी।