क्लाइमेट चेंज पर वर्ल्ड लीडर्स समिट शुरू ,अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने किया उद्घाटन ,प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस समिट को संबोधित किया। उन्होंने अपने संक्षिप्त भाषण की शुरुआत नमस्कार से की। कहा- मैं बाइडेन का इस समिट के आयोजन के लिए शुक्रिया अदा करता है। मानवता गंभीर संकट से गुजर रही है। मानवता को बचाने के लिए हमें ठोस कदम उठाने होंगे। इसमें क्लाइमेट चेंज सबसे अहम है। हमने विकास की चुनौती के बीच भी इसका ध्यान रखना है। हमने सोलर अलायंस और डिजास्टर मैनेजमेंट पर काफी काम किया है। हम इसमें सहभागिता का प्रयास कर रहे हैं। ताकि दूसरे देशों को भी मदद दे सकें। बाइडेन और मैंने इस बारे में चर्चा की है। अगर हम इस बारे में गंभीरता से प्रयास करें तो दुनिया को आने वाले खतरों से बचा सकते हैं।
समिट के पहले सेशन की थीम है- वर्ष 2030 के लिए हमारी सामूहिक तेज दौड़। समिट में कुल 40 राष्ट्राध्यक्ष हिस्सा ले रहे हैं। ये कार्यक्रम कल भी जारी रहेगी।
क्लाइमेट चेंज का अकेले मुकाबला संभव नहीं
समिट की शुरुआत करते हुए जो बाइडेन ने कहा- अमेरिका ने कोयला और पेट्रोलियम के उपयोग से होने वाले नुकसान को देखते हुए इनके इस्तेमाल को 50 फीसदी कम करने का फैसला किया है। इससे चीन और दूसरे मुल्कों को सबक मिलेगा और वो भी ऐसे ही कदम उठाएंगे। दुनिया का कोई देश ऐसा नहीं है, जो अकेले क्लाइमेट चेंज की चुनौती से निपट सके। इसके लिए मिलकर काम करना होगा ताकि भविष्य सुरक्षित हो सके।
भारत-चीन जैसे बड़े देशों की भूमिका अहम
बाइडेन ने 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद अपने पहले भाषण में इस समिट और क्लाइमेट चेंज के मुद्दे का जिक्र किया था। अमेरिकी प्रशासन का कहना है कि अगर ग्लोबल क्लाइमेट में सुधार लाना है तो भारत और चीन जैसी बड़े देशों और अर्थव्यवस्थाओं को अहम भूमिका निभानी होगी।
जिम कैरी ने तैयार किया था जिनपिंग को
चीन और अमेरिका के बीच कई मुद्दों पर तनातनी है। पहले माना जा रहा था कि जिनपिंग इस समिट में हिस्सा नहीं लेंगे। बाद में बाइडेन के पर्यावरण दूत जिम कैरी ने चीन के विदेश मंत्री से इस बारे में बातचीत की। इसके बाद तय हुआ कि जिनपिंग भी वर्चुअल समिट का हिस्सा होंगे।