पंचायती राज चुनाव (Bihar Panchayat Election) को लेकर लगातार निर्देश जारी किए जा रहे हैं. पंचायती राज संस्थाओं को निष्पक्ष और सुदृढ़ बनाने के लिए पंचायती राज विभाग ने रविवार को निर्देश जारी किया है. ताजा निर्देश के मुताबिक, जिस मुखिया ने मार्च 2020 तक के अपने सारे खर्च का ऑडिट नहीं कराया है तो उसे चुनाव लड़ने के अयोग्य माना जाएगा.
पंचायती राज के मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने निर्देश जारी करते हुए बताया कि पंचायती राज अधिनियम के तहत समय पर ऑडिट कराना जरूरी है. जिसने समय पर ऑडिट नहीं कराया तो माना जाएगा कि वो संवैधानिक दायित्व निभाने के काबिल नहीं है. सभी मुखिया और पंचायत प्रतिनिधियों को उपयोगिता प्रमाणपत्र भी जमा करना होगा. मुखिया के लगातार मिल रहे गड़बड़ियों को देखते हुए पंचायती राज विभाग ने कड़े निर्देश जारी किए हैं.
नल-जल योजना पूरा न करने वाले भी होंगे चुनाव से बाहर
पंचायती राज विभाग के आदेश से पहले भी निर्देश जारी किया गया था कि जो भी मुखिया अपने क्षेत्र में नल-जल योजना के तहत अपने काम पूरा नहीं कराया होगा, उसे भी चुनाव से बाहर रखा जाएगा. इस निर्देश के तहत बिहार के कई मुखिया को चुनाव नही लड़ने का निर्देश भी जारी किया गया था. सरकार को लगातार गांवों से सूचना मिल रही थी कि मुखिया अपने क्षेत्र में सरकार की योजनाओं को समय पर पूरा करने की बजाय अधूरा छोड़ दे रहे हैं, इसे देखते हुए सरकार ने सख्त फैसला लिया है.
कुछ ही दिनों में होने हैं चुनाव