मंगलवार को आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जैसे ही 2022 में होने वाले उत्तर प्रदेश के चुनाव में अपनी भागीदारी दिखाने और यूपी के दंगल में कूदने की बात की , वैसे ही वहां के तमाम दलों की प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई ! सबसे ज्यादा परेशान वहां की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी हो गई , उप मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री और प्रदेश अध्यक्ष तक बयान देने शुरू कर दिए , दिल्ली में इतिहास बनाने के बाद उत्तर प्रदेश की ओर रुख करना अरविंद केजरीवाल का निर्णय कितना सही है और कितना गलत यह तो नहीं पता लेकिन चुनाव में उतरने की घोषणा ने सबके अंदर बौखलाहट पैदा कर दी है ! दिल्ली में दो बार ऐतिहासिक जीत के बाद बुलंद हौसले और अपनी स्पष्ट नीतियों के बल पर सरकार चलाने के अनुभव को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यह घोषणा की है!
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह से केजरीवाल के ऐलान पर पूछा गया तो उन्होंने कहा, “किसका नाम ले लिया, मूड ऑफ हो गया.” वहीं, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि जिनसे दिल्ली संभल नहीं रही है, वो 24 करोड़ आबादी वाले उत्तर प्रदेश को संभालेंगे. प्रदेश में आम आदमी पार्टी का कोई जनाधार नहीं है. केजरीवाल जरूरत से ज्यादा बड़ी बातें कर रहे हैं. उनकी हालत कांग्रेस से भी बुरी होने वाली है.
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने कहा कि कौन क्या कहता है, इस पर समाजवादी लोग विश्वास नहीं करते हैं. हमारा लक्ष्य होता है कि प्रदेश में विकास कैसे हो. रोजगार और इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे हमारे मुद्दे होते हैं. 2022 में समाजवादी पार्टी मुद्दों पर चुनाव लड़ेगी.
बता दें कि केजरीवाल ने 2022 में उत्तर प्रदेश के होने वाले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के भी उतरने की घोषणा की है. हालांकि, दिल्ली चुनाव के बाद ही यूपी में अपना राजनीतिक आधार बनाने की कवायद आम आदमी पार्टी ने शुरू कर दी थी, जिसकी कमान पार्टी नेता संजय सिंह के हाथों में है.
बता दें कि यूपी में सियासी जमीन मजबूत करने के लिए 2014 में अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी लोकसभा सीट से चुनावी ताल ठोक दी थी. केजरीवाल के पुराने साथी कुमार विश्वास भी राहुल गांधी के खिलाफ अमेठी से चुनाव लड़े थे, लेकिन कोई भी जीत नहीं सका.
इसके बाद 2017 में हुए यूपी निकाय चुनाव में आम आदमी पार्टी अपना खाता खोलने में कामयाब रही थी. बांदा की तिंदवारा और बिजनौर की सहसपुर नगर पंचायत चेयरमैन पद का चुनाव जीतने में आम आदमी पार्टी कामयाब रही थी. इसके अलावा नगर पंचायत के 18 सभासद, नगर पालिका परिषद में 13 सदस्य और नगर निगम के चुनाव में झांसी में 2 और मुरादाबाद में एक पार्षद ने जीत हासिल की थी