जैसे-जैसे पश्चिम बंगाल के चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं ,वैसे वैसे बंगाल में भाजपा और टीएमसी के बीच तीखी तकरार जारी है हमेशा से रक्त रंजिश रही बंगाल आज फिर से एक बार रक्त रंजित होनी शुरू हो गई है ! यह असर अन्य पार्टियों के अक्सर बंगाल में एंट्री से जरूर होता है, बंगाल में अपनी उपस्थिति दर्ज करने की पुरजोर कोशिश में भाजपा हर ओर से वहां की सत्ताधारी पार्टी TMC पर आरोप मढनें को तैयार है! अब व्यक्तिगत झगड़ों को भी राजनीतिकरण कर बंगाल भाजपा ने वहां का माहौल बिगाड़ने की कोशिश निरंतर रखी हैं! क्योंकि भाजपा का आरोप है कि बंगाल के उत्तर 24 परगना में बीजेपी कार्यकर्ताओं पर हमला कर एक को मौत के घाट उतार दिया गया पर वहां प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो वह हत्या किसी प्रकार से राजनीतिक नहीं थी , वह व्यक्तिगत दुश्मनी का नतीजा था जहां आपसी झड़प में 6लोग गंभीर रूप से घायल हो गए !और एक की मृत्यु हो गई लेकिन हर मौके को भुनाने की लगातार कोशिश कर रही भाजपा ने इस मौके को भी भुनाने से नहीं छोड़ा और इसे राजनीतिक रंग देते हुए इस हमले को TMCकी गुंडई करार दी, लगातार सबके जेहन में अपनी साफ-सुथरी छवि ,और सांप्रदायिक छवि को हटाने की कोशिश कर रही भाजपा ने हर हमले और झड़प को राजनीतिक नजरिए से देखना शुरू कर दिया है !वही तृणमूल ने आरोप लगाया कि यह घटना व्यक्तिगत दुश्मनी का नतीजा है लेकिन बीजेपी के मुकुल राय ने कहा कि यह RSS कार्यकर्ता थे और 6 नंबर वार्ड हलीशहर के रहने वाले सैकत भवाल की हत्या टीएमसी के गुंडों के द्वारा की गई जो पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र को खत्म करना चाहते हैं!
वैसे अगर कहे तो TMC भी साफ-सुथरी नहीं है जो किसी भी अवसर को छोड़ने की कोशिश करें, लगातार खून से रक्त रंजित रही बंगाल की जमीन चुनाव आते हैं फिर से लाल हो जाती है! और वहां के राजनीतिक इतिहास को देखें तो हर पार्टी जब भी बंगाल में पकड़ मजबूत करने की कोशिश करती है या चुनाव जीतकर सत्ता में आती है ! तो खुलकर गुंडागर्दी करती है यह आरोप सिर्फ TMCके ममता बनर्जी पर ही नहीं पहले भी बुद्धदेव भट्टाचार्य और ज्योति बसु पर लग चुका है और कोई शक की बात या कोई गुंजाइश नहीं की बंगाल में अगर भाजपा सरकार बनाने में कामयाब हो जाती है ,तो अक्सर वहां हिंदू मुस्लिम के बीच जंग जारी रहेगी जो बंगाल को बांटने का कार्य करती रहेगी! क्योंकि देश की सत्ताधारी पार्टी भाजपा के तमाम नेता जो हिंदू और हिंदुत्व की छवि प्रसारित कर देश में लोगों को बांटने की कोशिश करते रहें वह कोशिश बंगाल में भी जारी रहेगी! और उसका सीधा असर बंगाल की जनता पर पड़ने वाला है! अगर बंगाल के परिवेश को देखें तो वहां मौजूदा पार्टी भी कम नहीं है लेकिन जो कोशिश भाजपा कर रही है उसके मुकाबले सत्ताधारी TMC पर यह आरोप कम है ! TMC पर कभी आरोप नहीं लगे कि वह वह हिंदू और मुस्लिम को भिन्नता के नजर से देखे हो ,पर पूरे देश में भाजपा के लिए यह एक बहुत बड़ा आरोप है , जहां भाजपा को समाज को बांटने के नजरिए से देखा जाता है यह आरोप अक्सर मुस्लिम पक्षकारों की ओर से लगता आया है
बता दें कि बंगाल में चुनाव से काफी वक्त पहले से ही राजनीतिक हिंसा का दौर जारी है. बीजेपी और टीएमसी के कार्यकर्ता कई बार आपस में लड़ चुके हैं. दोनों ही पार्टियों का आरोप है कि उनके कार्यकर्ताओं को मौत के घाट उतारा जा रहा है. अभी हाल में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हमला हुआ था. जेपी नड्डा गुरुवार को जब डायमंड हार्बर जा रहे थे, तब उनके काफिले पर पत्थरों से हमला किया गया. बीजेपी का कहना है कि इस हमले में बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय को चोट भी आई है.
पार्टी अध्यक्ष के काफिले पर हुए हमले के बाद से ही बीजेपी आगबबूला है. पीएम नरेंद्र मोदी ने फोन कर जेपी नड्डा, कैलाश विजयवर्गीय का हाल जाना तो वहीं अमित शाह, राजनाथ सिंह समेत अन्य सभी मंत्रियों ने हमले की निंदा करते हुए ममता सरकार पर सवाल खड़े किए
खैर ये अपनी राय है आप भी अपनी राय इस पर जरूर देंगे !