संयुक्त किसान मोर्चा की दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बार्डर पर शनिवार को बैठक हुई। इस अहम बैठक में SKM ने फैसला लिया कि पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 लड़ने वाले 20 से अधिक किसान संगठनों को 4 महीने के लिए बाहर कर दिया गया है। संयुक्त मोर्चा से विशेष अवधि के लिए सस्पेंड हुए इन संगठनों ने पंजाब चुनाव में चुनावी ताल ठोकी है, जिसके बाद SKM ने इन संगठनों के खिलाफ ये कार्रवाई की है।
वहीं किसान नेता राकेश टिकैत ने इस बैठक के बाद कहा हम 21 जनवरी से 3-4 दिनों के लिए उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी का दौरा करेंगे और प्रभावित किसान परिवारों से मुलाकात करेंगे। हम अपने आंदोलन की आगे की कार्रवाई पर चर्चा करेंगे और रणनीति बनाएंगे। वहीं भारतीय किसान यूनियन के नेता युधवीर सिंह ने अभी तक केंद्र ने एमएसपी पर न तो कोई समिति बनाई है और न ही इस पर हमसे संपर्क किया है। लखीमपुर खीरी कांड में शामिल होने वाले राज्यमंत्री को सरकार ने नहीं हटाया है। अगर सरकार हमारी मांगों का जवाब नहीं देती है तो हम 31 जनवरी को ‘विरोध दिवस’ मनाएंगे।
बता दें कि भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) ने तो सबसे पहले अपनी अलग पार्टी बनाकर पंजाब विधानसभा चुनाव में ताल ठोंक दी है। इसी तरह मोर्चा में शामिल पंजाब की 22 किसान जत्थेबंदियों ने भी अलग मोर्चा बनाकर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है और मोर्चा के अहम सदस्य बलबीर सिंह राजेवाल को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाया है।