दिल्ली सरकार की योजना और अपनी चुनावी वादे को पूरा करते हुए 1.40 लाख CCTV कैमरे लगाने का कार्य शुरू करेगी जिस पर सरकार को करीब 400 करोड़ की लागत आएगी, दिल्ली सरकार ने सेकंड फेज में सीसीटीवी कैमरे लगाने की पूरी तैयारी कर ली है. सेकंड फेज में दिल्ली भर में 1.40 लाख सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे. लेकिन इस बार सरकार ने कैमरों की खरीद किसी चाइनीज कंपनी की बजाए स्वदेशी कंपनी से करने की योजना बनाई है.
इसके लिए दिल्ली सरकार ने इस बार भी भारत सरकार के उपक्रम भारत इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड को टेंडर दिया है. लेकिन चाइनीज कंपनी से सीसीटीवी कैमरे खरीदे जाने से साफ इनकार भी कर दिया है. यानी इस बार दिल्लीभर में लगने वाले सीसीटीवी कैमरे किसी चाइनीज कंपनी के नहीं बल्कि भारतीय कंपनी के निर्मित कैमरे ही दिल्ली की सुरक्षा के लिहाज से लगाए जाएंगे.
इस बीच देखा जाए तो दिल्ली सरकार की ओर फर्स्ट फेज में भी महिलाओं की सुरक्षा के लिहाज से और राजधानी को ज्यादा सुरक्षित बनाया जा सके, इसको लेकर 1.40 लाख सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे.दिल्ली की कुल 70 विधानसभाओं के हिसाब से इन सीसीटीवी कैमरों को हर विधानसभा में 2000-2000 लगाने के लिए तय किया गया था. करीब-करीब सभी विधानसभाओं में फर्स्ट फेज के तहत सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने का काम पूरा कर लिया गया है. अब सेकंड फेज में भी 1.40 सीसीटीवी कैमरे लगाएं जाएंगे. इन सीसीटीवी कैमरों पर कुल लागत 400 करोड़ आएगी.
बताते चले कि दिल्ली के अधिकांश विधायकों की ओर से लगातार और सीसीटीवी कैमरे लगाने की मांग की जाती रही है. दिल्ली विधानसभा में विधायकों खासकर सत्ता पक्ष के विधायकों की ओर से अपनी सरकार से 2000 की जगह 3000 हजार सीसीटीवी कैमरे लगाने की मांग लगातार की जाती रही है.
दिल्ली के गृह एवं लोक निर्माण मंत्री सत्येंद्र जैन भी दिल्ली विधानसभा में विधायकों (MLAs) को आश्वस्त किया था कि अब हर विधानसभा में 2000 की जगह 3000 सीसीटीवी कैमरे लगाए जा सकेंगे. उन्होंने यह भी कहा था कि इस संबंध में विधायक अपनी डिमांड भी दे सकते हैं जिनकी विधानसभा में ज्यादा सीसीटीवी कैमरे लगाने की जरूरत महसूस की जा रही है.
विधानसभा में भी विधायक उठा चुके हैं और नए सीसीटीवी कैमरे लगाने की मांग
गृह मंत्री ने भी इस बात को माना कि दिल्ली की सभी विधानसभा में एक जैसी स्थिति नहीं है. कई ऐसी विधानसभा हैं जहां दो हजार सीसीटीवी कैमरे लगाने की भी जगह नहीं है. वहीं कुछ विधानसभा ऐसी हैं जहां पर 3,000 हजार सीसीटीवी कैमरे लगाना भी कम पड़ जा रहा है.ऐसे में विधायक अपनी सुविधा या जरूरत के मुताबिक सीसीटीवी कैमरे लगाने की डिमांड रिक्वेस्ट भेज सकते हैं. इसके तहत ही इन सीसीटीवी कैमरों को लगाने का काम किया जा सकेगा. वहीं अब केजरीवाल सरकार ने सेकंड फेज के तहत सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना पर काम शुरू कर दिया है.
भारत सरकार की कंपनी BEL को ही दिया गया है इस बार भी ठेका
आधिकारिक सूत्रों की माने तो सेकंड फेज के तहत जो 1.40 सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने हैं, उनको इस बार किसी चाइनीज कंपनी से नहीं खरीदा जाएगा. हालांकि दिल्ली सरकार की ओर से सीसीटीवी खरीदे जाने का टेंडर पहले की तरह ही इस बार भी भारत सरकार की कंपनी भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड बीईएल को ही दिया गया है. लेकिन इस टेंडर में इस बात को साफ और स्पष्ट कर दिया गया है कि सीसीटीवी कैमरों की खरीद किसी भी चाइनीज कंपनी से नहीं की जाएगी. यह कैमरे सिर्फ भारत निर्मित स्वदेशी कंपनी से ही खरीदे जाएंगे.
आदित्य इंफोटेक ग्रुप की तिरुपति स्थित सीपी प्लस कंपनी से खरीदे जाएंगे कैमरे
बतातें चले कि फर्स्ट फेज में जो 1.40 लाख सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे वो बीईएल ने चाइना की कंपनी हिक विजन से कैमरों और एनवीआर की खरीदारी की थी. बताया जाता है कि इस बार लोक निर्माण विभाग की ओर से बीईएल को टेंडर देते वक्त नियमों व शर्तों में सिफारिश की गई कि चाइनजी कंपनी से यह सीसीटीवी कैमरे नहीं खरीदे जाएं.
इसके बाद बीईएल ने भी किसी चाइनीज कंपनी इनकी खरीद नहीं करने का फैसला किया है. इस बार भारत के आदित्य इंफोटेक ग्रुप की तिरुपति स्थित सीपी प्लस कंपनी से कैमरे और नेटवर्क वीडियो रिकार्डिंग (एनवीआर) खरीदने के मामले में भागीदार बनाने का फैसला लिया है.
CCTV कैमरों को एडवांस फीचर्स के तहत इंस्टॉल किया जाएगा
दिल्ली सरकार के सूत्र बताते हैं कि इस बार सेकंड फेज के तहत लगाए जाने वाले 1.40 लाख सीसीटीवी कैमरों को एडवांस फीचर्स के तहत इंस्टॉल किया जाएगा. इनमें एडवांस फीचर इंस्टॉल होने से इनके रियल टाइम पर खासा बदलाव नजर आ सकेगा.
बताया जाता है कि इसकी वजह से रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशंस कहीं पर भी बैठकर मोबाइल के जरिए अपनी कालोनी की रियल टाइम स्थिति पर नजर रख सकेंगे. इस तरह के सीसीटीवी कैमरों में फर्स्ट फेज के तहत ऐसी व्यवस्था उपलब्ध नहीं थी.
फर्स्ट फेज के 5,000 CCTV Camera लगाया जाना बाकी
जानकारी के मुताबिक महिलाओं की सुरक्षा के मद्देनजर फर्स्ट फेज के तहत 1.40 लाख सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने की योजना के तहत अब तक 1.35 लाख सीसीटीवी कैमरे लग चुके हैं. अभी इस फेज के 5,000 सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने बाकी हैं. बताया जाता है कि विधानसभाओं में कुछ समस्याओं या आपत्तियों की वजह से इनको नहीं लगाया जा सका. इन सभी बाकी 5,000 सीसीटीवी कैमरों को इस माह में लगाने जाने की संभावना है.
इस बार लगाए जाने वाले सीसीटीवी कैमरों में जो नए फीचर्स इंस्टॉल किए जाएंगे उनका सबसे बड़ा फायदा इस तरह का होगा:-
-आरडब्ल्यूए के लोग अपनी कॉलोनी के कैमरों की रियल टाइम स्थिति अपने घर या बाहर कहीं पर भी बैठकर देख सकेंगे. जबकि अभी के कैमरों में यह व्यवस्था नहीं है. हालांकि यह सुविधा केवल आरडब्ल्यूए के उन्हीं लोगों के लिए होगी जिन्हें पासवर्ड दिया गया होगा.
-जरूरत पड़ने पर इन कैमरों में चेहरा पहचानने की व्यवस्था की गई है.
-इन कैमरों में ऐसी व्यवस्था है कि अगर कैमरे के सिस्टम को किसी के चेहरे का फोटो दिया जाता है और सिस्टम को सर्च पर लगा दिया जाता है तो दिल्लीभर में लगे किसी भी कैमरे की जद में वह चेहरा आता है तो सिस्टम अलार्म देकर सूचित कर देगा कि वह चेहरा किस कैमरे की जद में आया है और कहां पर मौजूद है.
इस तरह की सुविधा आम नहीं रहेगी बल्कि जरूरी होगा तो ही यह अमल में ली जाएगी आमतौर पर इसको स्थगित रखा जाएगा.
-नए फीचर्स वाली इस व्यवस्था को सिर्फ किसी कोर्ट केस या आदेश में पुलिस के आग्रह पर ही उपयोग में लिया जा सकेगा.