ममता सरकार से नाराज चल रहे तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दिनेश त्रिवेदी ने हाल ही में इस्तीफा दे दिया, शिकवा और शिकायत के बीच पार्टी में अस्थिरता और सामंजस्य का बेहतर न बन पाना उनके इस्तीफा का मूल कारण है,दरअसल टीम से क्या है नीव रह चुके दिनेश त्रिवेदी ममता सरकार के फैसलों से काफी आहत थे बहुत बार उन्होंने वार्ता के जरिए बात को सुलझाने का भी प्रयास किया था, तृणमूल कांग्रेस (TMC) की ओर से राज्यसभा सदस्य रहे दिनेश त्रिवेदी (Dinesh Trivedi) ने हाल ही में सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने इसके बाद कहा कि उनकी पार्टी ने बंगाल (West Bengal) के विकास और शांति के लिए दी गई उनकी सलाह को नजरअंदाज किया. उन्हें सिर्फ भीष्म पितामह की तरह बाणों की शरशैय्या ही मिली है. दिनेश त्रिवेदी टीएमसी के संस्थापक सदस्यों में से एक है
इंटरव्यू में दिनेश त्रिवेदी ने कहा, ‘मैं केंद्र सरकार और राज्य सरकार (पश्चिम बंगाल) के बीच बातचीत का पुल बनाने वाला बनना चाहता था, लेकिन ममता बनर्जी के अहंकार ने सब खत्म कर दिया.’ केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच कोई एक व्यक्ति कैसे शांति और विकास का पुल बना सकता है? इस सवाल के जवाब में दिनेश त्रिवेदी ने कहा, ‘भारत के संघीय ढांचे में केंद्र सरकार के साथ राज्य सरकार के अच्छे संबंध हमेशा लाभकारी रहते हैं.’
हालांकि दिनेश त्रिवेदी ने यह भी कहा कि वह जानते थे कि पश्चिम बंगाल सरकार और केंद्र सरकार के बीच शांति और विकास का पुल बनाने का काम बेहद मुश्किल था. पश्चिम बंगाल ऐसा राज्य है जो पिछले चार से अधिक दशकों से विक्टिम कार्ड खेलता आ रहा है.यह काम मुश्किल था, लगभग ब्रिटिश इंजीनियर जॉन हेनरी पैटरसन की तरह, जो कि 1996 की फिल्म ‘द घोस्ट एंड द डार्कनेस’ का एक काल्पनिक पात्र था. पैटरसन ने 1898 में युगांडा-मोम्बासा रेलवे के निर्माण में मदद की. जब वह सावो में दो शेरों को मारने और अफ्रीका व भारत के प्रवासी श्रमिकों के बीच एक विद्रोह को शांत करने में कामयाब रहे थे. दिनेश त्रिवेदी ने कहा कि उन्होंने कोशिश की, काफी कोशिश की.
अब टीएमसी और राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद दिनेश त्रिवेदी का मोबाइल फोन कई तरह के संदेशों से भरा पड़ा है. उनके कुछ दोस्त उन्हें इस निर्णय की मुबारकबाद दे रहे हैं तो कुछ दोस्त उन्हें इस कदम के बाद पश्चिम बंगाल में आने के समय सतर्क रहने की भी सलाह दी है. कुछ ने उन्हें सलाह दी है कि वह अपने लिए प्राइवेट सेक्योरिटी रख लें.