कृषि क़ानून के खिलाफ सरकार और किसान जब आमने-सामने सामने आए तो उम्मीदें हुई थी शायद बात बने, लेकिन 40 दिन से किसी भी प्रकार की बात बनते नजर नहीं आई , लेकिन आज आठवें राउंड की बातचीत में अपने दो शर्तों पर किसान सरकार से बात मनवाने पर अडीग हैं हालांकि किसान नेताओं का कहना है कि हम अपनी मांगों से पीछे नहीं हटेंगे और सरकार इस कानून को खत्म करें तभी यह आंदोलन खत्म होगा !
दिल्ली के विज्ञान भवन में किसानों की सरकार के साथ 8वें राउंड की बातचीत चल रही है। मीटिंग में सरकार की तरफ से कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेल मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश मौजूद हैं। इस दौरान उन्होंने 2 मिनट का मौन रखकर आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों को श्रद्धांजलि दी।
न्यूज एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक किसानों को समझाने के लिए सरकार कानूनों के हर क्लॉज पर चर्चा कर सकती है। मीटिंग में जाने से पहले कृषि मंत्री ने कहा कि आज पॉजिटिव सॉल्यूशन की उम्मीद है। वहीं किसान संगठनों ने कहा है सरकार ने मांगें नहीं मानी तो प्रदर्शन तेज किया जाएगा।
अपडेट्स
- ऑल इंडिया किसान सभा के महासचिव हन्नान मोला ने कहा, ‘यह सरकार पर है कि वह किसानों की समस्याओं का हल निकालना चाहती है या फिर उनके खिलाफ साजिश कर उनके संघर्ष को कमजोर करना चाहती है। हमें उम्मीद है कि सरकार मानवीय सोच रखेगी।’
- भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, ‘आंदोलन के दौरान अब तक 60 किसानों की जान चा चुकी। हर 16 घंटे में एक किसान मर रहा है। सरकार की जवाबदेही बनती है।’
- किसान आंदोलन के समर्थन में पंजाब और हरियाणा में रिलायंस जियो के टावरों और ऑफिसों में पिछले दिनों काफी तोड़फोड़ हुई थी। ऐसे में रिलायंस ने सोमवार को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में अर्जी लगाई। कंपनी ने कहा कि सरकार को तुरंत दखल देकर गुंडागर्दी रोकनी चाहिए।
- किसान मजदूर संघर्ष समिति, पंजाब के जॉइंट सेक्रेटरी सुखविंदर सिंह ने कहा है कि कृषि कानूनों को वापस लेने और MSP की गारंटी की मांगें पूरी नहीं हुईं तो 6 जनवरी को भी ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे।
30 दिसंबर की मीटिंग में 2 मुद्दों पर सहमति बनी थी
1. पराली जलाने पर केस दर्ज नहीं होंगे: अभी 1.करोड़ रुपए जुर्माना और 5 साल की कैद का प्रोविजन है। सरकार इसे हटाने को राजी हुई।
2. बिजली अधिनियम में बदलाव नहीं: किसानों को आशंका है कि इस कानून से बिजली सब्सिडी बंद होगी। अब यह कानून नहीं बनेगा।
…इसलिए किसानों की उम्मीद बढ़ी और रुख नरम हुआ
2 मुद्दों पर सहमति बनने के बाद किसानों के रुख में नरमी दिखी और उन्होंने 31 दिसंबर को होने वाली ट्रैक्टर रैली को टाल दिया। आज इन 2 अहम मुद्दों पर बातचीत होगी।