नई दिल्ली: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में टनल में फंसे 40 मजदूरों को बचाने के लिए आज पांचवे दिन युद्धस्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. मजदूरों को निकालने के लिए जारी बचाव अभियान आज पांचवे दिन में प्रवेश कर गया. 100 घंटों से अधिक समय से मजदूर उत्तरकाशी के सुरंग में फंसे हुए हैं. बता दें कि रविवार 12 नवंबर को, सिल्क्यारा सुरंग परियोजना ढह गई, इसमें 40 मजदूर सुरंग में फंस गए.
इस बीच गुरुवार को मशीनों के रेस्क्यू साइट पर पहुंचने के बाद पहले उसकी पूजा की गई और फिर मलबा हटाने का काम शुरू किया गया. अमेरिकन ऑगर मशीन के काम शुरू करने के बाद सुरंग में फंसे मजदूरों को सुरक्षित निकालने की उम्मीदें ज्यादा बढ़ गई है. अब आगे बचाव अभियान में इस मशीन की मदद ली जाएगी. इस मशीन से रेस्क्यू टीम को ड्रिलिंग करने में आसानी होगी. इस मशीन की मदद से ही ड्रिलिंग कर 900 एमएम के पाइप इस तरफ से उस तरफ तक पहुंचाने का प्लान बनाया गया है.
गौरतलब है कि फंसे हुए मजदूरों को भोजन और दवाओं की आवश्यक आपूर्ति प्रदान की जा रही है. बचाव दल श्रमिकों के साथ नियमित संचार बनाए रख रहे हैं, यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि उनका उत्साह बरकरार रहे और उनकी आशा जीवित रहे. थाईलैंड और नॉर्वे की विशिष्ट बचाव टीमें, जिनमें 2018 में थाईलैंड की एक गुफा में फंसे बच्चों को सफलतापूर्वक बचाने वाली टीम भी शामिल है, चल रहे बचाव अभियान में सहायता के लिए शामिल हो गई हैं.
सुरंग के अंदर नई दिल्ली से लाई गई ‘अमेरिकन ऑगर’ मशीन की तैनाती बचाव अभियान में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित होगी. इस विशेष उपकरण से सफाई प्रक्रिया में तेजी लाने और फंसे हुए श्रमिकों को सुरक्षा के करीब लाने की उम्मीद है. ‘अमेरिकन ऑगर’ मशीन चार धाम तीर्थयात्रा मार्ग पर ध्वस्त सुरंग से 30 किलोमीटर से अधिक दूरी पर स्थित चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे पर अलग-अलग हिस्सों में पहुंची. इस योजना में ध्वस्त सुरंग खंड के मलबे के बीच से एक रास्ता खोदने के लिए मशीन का उपयोग करना शामिल है.