नई दिल्ली. आईसीआईसीआई बैंक लोन फ्रॉड मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए वीडियोकॉन के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत को गिरफ्तार कर लिया है. इससे पहले इस मामले में शुक्रवार को CBI ने आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व एमडी चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को गिरफ्तार कर चुकी है. वेणुगोपाल फिलहाल तीन दिनों की सीबीआई रिमांड पर हैं.
मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर पर साल 2012 में वीडियोकॉन ग्रुप को 3,250 करोड़ रुपये की लोन की स्वीकृति में कथित धोखाधड़ी और अनियमितताओं का आरोप है. मालूम हो कि शुक्रवार को चंदा और उनके पति को एजेंसी मुख्यालय बुलाया गया था और पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था. अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया था कि दोनों जवाब देने में टालमटोल कर रहे थे और जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे.
ये है पूरा मामला
साल 2012 में वीडियोकॉन ग्रुप को ICICI बैंक द्वारा लोन दिया गया था, जो बाद में एनपीए हो गया और बाद में इसे ‘बैंक फ्रॉड’ कहा गया. वहीं सितंबर 2020 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दीपक कोचर को गिरफ्तार किया था. साल 2012 में चंदा कोचर के नेतृत्व में आईसीआईसीआई बैंक ने वीडियोकॉन ग्रुप को 3,250 करोड़ रुपये लोन देने के छह महीने बाद वेणुगोपाल धूत के स्वामित्व वाली मेसर्स सुप्रीम एनर्जी ने मैसर्स न्यूपावर रिन्यूएबल्स को 64 करोड़ का लोन दिया, जिसमें दीपक कोचर की 50 प्रतिशत हिस्सेदारी है
गौरतलब है कि ICICI बैंक और वीडियोकॉन के शेयर होल्डर अरविंद गुप्ता ने प्रधानमंत्री, रिजर्व बैंक और सेबी को एक पत्र लिखकर वीडियोकॉन के अध्यक्ष वेणुगोपाल धूत और ICICI की सीईओ व एमडी चंदा कोचर पर एक-दूसरे को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया था. इसके साथ ही यह भी आरोप है कि इस तरह चंदा कोचर ने अपने पति की कंपनी के लिए वेणुगोपाल धूत को लाभ पहुंचाया. वहीं साल 2018 में इस खुलासे के बाद चंदा कोचर को बैंक से इस्तीफा देना पड़ा था. बता दें कि मामले में सीबीआई ने साल 2019 में FIR दर्ज की थी.